अवैध प्रवासियों की पहचान करती दिल्ली पुलिस (फोटो- एएनआई)
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए बुधवार को एक अभियान शुरू किया। यह अभियान उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए जाने के एक दिन बाद शुरू किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यह अभियान कालिंदी कुंज, शाहीन बाग और जामिया नगर इलाकों समेत दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में चलाया गया।
इस अभियान के तहत स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने घर-घर जाकर सत्यापन किया और उनके आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्रों की जांच की। अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ निवासियों की पहचान संदिग्ध के रूप में की गई है। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें निरुद्ध केंद्र भेजा जा सकता है।
दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को शहर में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू करने का मंगलवार को निर्देश दिया था। पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यदि प्रवासी अवैध रूप से रह रहे पाए गए या किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त पाए गए तो मामला दर्ज किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 15 पुलिस जिले हैं और सभी जिला प्रमुखों को दो महीने तक अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि यह कदम हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा शनिवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात के बाद उठाया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया था कि प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त की और शहर में घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया।
विज्ञप्ति में कहा गया था, ‘‘प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि अवैध प्रवासियों को मकान किराये पर लेने या रोजगार प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए तथा धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए आधार और मतदाता पहचान-पत्र जैसे सरकारी दस्तावेजों को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को समयबद्ध कार्रवाई करने और साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।