
सुप्रीम कोर्ट
नवभारत डेस्क: सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस अभय एस ओका शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के रूम के भीतर वकील पर अचानक भड़क गए। ऐसा तब हुआ जब कई वकील एक साथ बोलने लगे तथा अपनी-अपनी दलीलें देनी शुरू कर दीं। अदालत का माहौल देखते हुए जस्टिस ओका ने सभी वकीलों से शांत रहने को कहा और बारी-बारी से दलीलें देने की बात कही, लेकिन फिर भी कोई वकील शांत नहीं हुआ, जिसपर जस्टिस गुस्सा हो गए।
जस्टिस अभय एस ओका ने इस दौरान कहा कि वो इस तरह की अनुशासनहीनता देख-देख कर तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट के भीतर रोज अनुशासनहीनता देखने को मिल रहा है। हम वकीलों ने पूछते रहते हैं कि वे किसके लिए पेश हो रहे हैं, लेकिन वकील कोई जवाब नहीं देते हैं।
उन्होंने इससे गुस्सा होकर कहा कि अगर कोर्ट के भीतर ऐसा ही माहौल रहा तो मैं सारी फाइलें फेंक दूंगा। अब एक नियम लागू होने चाहिए कि अगर एक ही समय में वकील लगातार बहस करते रहेंगे तो उनकी फाइलें फेंक देंगे। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस ओका ने कहा कि इस तरह की अनुशासनहीनता केवल सुप्रीम कोर्ट में देखने को मिलता है। मैं कर्नाटक और बॉम्बे हाई कोर्ट में भी रह चुका हूं, लेकिन वहां इस तरह कभी देखने को नहीं मिला।
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ऐसा पहला मामला नहीं है जब जस्टिस एस ओका वकीलों पर गुस्सा हुए हों। इससे पहले भी कई मामलों में वकीलों की तरफ से झूठे बयान दिए जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले सितंबर 2024 में जस्टिस एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा था कि उनके सामने कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें झूठी दलीलें दी गई हैं।






