बेंगलुरु भगदड़ (File Photo)
IPL 2025 में RCB के खिताब जीतने के बाद 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद RCB टीम समेत 4 संगठनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने RCB के मालिक रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड (RCSL) के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। जिसके खिलाफ अब RCSL ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है।
RCSL का तर्क है कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। याचिका में दावा किया गया कि RCB ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया था उसमें साफ लिखा था कि मैदान में उन्हीं लोगों को एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने बेंगलुरु टीम की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहले से रजिस्ट्रेशन करवाया था। उसे इस में फंसाया जा रहा है। वहीं, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की तरफ से आयोजित इस समारोह का मैनेजमेंट संभालने वाली कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क ने भी FIR को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में दावा किया गया है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA), डीएनए नेटवर्क्स तथा पुलिस के साथ विचार-विमर्श के बाद ही विक्ट्री परेड की घोषणा की थी। ये भी बताया गया कि 4 जून की सुबह आरसीबी टीम को मौखिक रूप से बताया गया कि बेंगलुरु पुलिस ने विक्ट्री परेड के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। साथ ही उसे ये भी बताया गया था कि सीएम सिद्धारमैया विधान सौधा पर बेंगलुरु टीम को सम्मानित करने का प्लान बना रहे हैं।
RCB द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीम के सम्मान समारोह के लिए लोगों को आमंत्रित किया था। RCB टीम ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ट्वीट को सबूत के तौर पर पेश किया है। रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RCSPL) को मैदान के बाहर लोगों की मौत की खबर उस वक्त मिली जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम शुरू हो चुका था।