
नई दिल्ली: अंतरिक्ष में कदम रखने पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा (Rakesh Sharma Birthday) का आज 74 वां जन्मदिन है। अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा 128वें इंसान थे और पहले भारतीय थे। राकेश शर्मा का जन्म आज ही के दिन 13 जनवरी 1949 को पटियाला में हुआ था। राकेश शर्मा बचपन से ही पायलट बनना था। उन्होंने अपनी सैनिक शिक्षा हैदराबाद से ली और उनका सिलेक्शन टेस्ट पायलट की तौर पर भारतीय वायुसेना में हुआ। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राकेश शर्मा ने 1970 में एयरफोर्स में बतौर पायलट ज्वाइन की।
राकेश शर्मा जब 25 साल के थे, तभी एयरफोर्स के सबसे बेहतरीन पायलट बन गए थे। पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में शर्मा ने 21 बार मिग-21 से उड़ान भरी थी। राकेश शर्मा को 1982 में दो दर्जन से ज्यादा फाइटर पायलटों के टेस्ट के बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया था। वहीं, उनके अलावा रवीश मल्होत्रा को भी चुना गया था और दोनों को रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था।

राकेश शर्मा जब अंतरिक्ष में गए थे, उस वक्त का एक बहुत फेमस किस्सा है। जब वे अंतरिक्ष में थे और तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा था कि ‘अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?’ जिस पर राकेश ने ऐसा जवाब दिया था कि, वह सुनकर सभी भारतियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। बता दें कि, इंदिरा गांधी के सवाल पर कहा था, ‘मैं बगैर किसी झिझक के कह सकता हूं कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।’
बता दें कि, राकेश शर्मा को 20 सितंबर 1982 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने अंतरिक्ष एजेंसी इंटरकॉस्मोस के अभियान के लिए चुना गया। जिसके बाद वे अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति थे और विश्व की सूची में उनका स्थान 138वां था। वह 3 अप्रैल, 1984 को सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट स्पेश स्टेशन में बिताने के बाद वह धरती पर लौट आए थे।

अंतरिक्ष में जाकर राकेश शर्मा ने 33 प्रयोग किए और जिसके बाद वह धरती पर वापस आए। वापस आने के बाद राकेश शर्मा और उनके दोनों साथियों को भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उस समय की सोवियत सरकार ने उन्हें ‘हीरो ऑफ सोवियत यूनियन’ के सम्मान से भी नवाजा गया।
राकेश शर्मा IAF से विंग कमांडर के रूप में सेवानिवृत्त हुए और बाद में 1987 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में शामिल हो गए, 1992 तक HAL नासिक डिवीजन में मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में कार्य किया।बाद में, वह एचएएल के मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में काम करने के लिए बैंगलोर चले गए। राकेश शर्मा 2001 में सेवानिवृत्त हुए।






