सीडीएस अनिल चौहान व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: सरकार ने सशस्त्र बलों के बीच अधिक अंतर-संचालन और संयुक्तता लाने की दिशा में एक और कदम उठाया। इसके लिए सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधिकार बढ़ा दिए हैं। रक्षा मंत्रालय का यह फैसला सीडीएस को और ताकतवर बनाने वाला माना जा रहा है।
सरकार के नए फैसले के बाद अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को तीनों सशस्त्र बलों को संयुक्त निर्देश और आदेश जारी करने का अधिकार मिल गया है। जबकि पहले नहीं था और तीनों सेनाओं के लिए अलग-अलग आदेश जारी किए जाते थे।
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस को बढ़ी हुई शक्तियां दीं। इसके बाद मंगलवार को पहला संयुक्त आदेश जारी किया गया। ‘संयुक्त निर्देशों और संयुक्त आदेशों की स्वीकृति, प्रख्यापन और क्रमांकन’ पर पहला आदेश प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, अतिरेक को खत्म करने और क्रॉस-सर्विस सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर केंद्रित है।
अधिकारियों ने कहा कि यह पहल तीनों बलों में बेहतर पारदर्शिता, समन्वय और प्रशासनिक दक्षता की नींव रखती है। यह एकजुटता और एकीकरण के एक नए युग की शुरुआत भी है। गौरतलब है कि यह कद पहले से अलग है। पहले हर सेवा यानी सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए अलग-अलग आदेश जारी किए जाते थे।
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद 2019 में बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य तीनों सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के बीच समन्वय बढ़ाना, रक्षा नीतियों को एकीकृत करना और सैन्य सुधारों को लागू करना था। 1999 में भारत-पाक के बीच हुए कारगिल युद्ध के बाद कारगिल समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की थी।
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सीडीएस रक्षा मंत्री और सरकार के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करता है। वह रक्षा मामलों में सिंगल कॉन्टैक्ट प्वाइंट प्रदान करता है। थिएटर कमांड की स्थापना के साथ-साथ कार्यान्वयन में सीडीएस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर में सीडीएस की बेहद अहम भूमिका रही थी।