(डिज़ाइन फोटो)
प्रयागराज : नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर मिस इंडिया की आड़ में जाति जनगणना पर जोर दिया है। प्रयागराज में बीते शनिवार को राहुल गांधी ने संविधान सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया था। वहीं विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जाति जनगणना संबंधी बयान पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा,जब वे सत्ता में आएंगे तभी ऐसा कर पाएंगे। वह सिर्फ सपना देख रहे हैं।
दरअसल इस सम्मेलन के दौरान जाति जनगणना के महत्व की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने PM मोदी की सरकार पर जमकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने कहा था, मैंने मिस इंडिया की लिस्ट निकाली उसमें एक भी दलित, आदिवासी, ओबीसी महिला का नाम मुझे नहीं मिला।
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इस बाबत राहुल गांधी ने कहा कि, मैंने मिस इंडिया कि एक लिस्ट देखी और सोचा कि इसमें कोई तो आदिवासी महिला होगी, एक दलित महिला तो होगी, लेकिन मिस इंडिया की लिस्ट में भी न दलित है न आदिवासी, कोई नहीं है। उन्होंने आगे कहा, क्रिकेट की बात होगी, बॉलीवुड की बात होगी, लेकिन किसानों की बात नहीं होगी, मजदूरों की बात नहीं होगी, आपने कभी मीडिया में किसी मौची का इंटरव्यू देखा है।
मीडिया एंकर पर भी टिप्पणी
राहुल गांधी ने प्रयागराज में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन‘ के दौरान यह टिप्पणी की और देशव्यापी ‘जाति आधारित जनगणना’ की मांग पर जोर दिया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 90% लोगों की भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि, मैंने मिस इंडिया की सूची देखी है, उसमें कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी महिला नहीं थी। कुछ लोग क्रिकेट या बॉलीवुड के बारे में बात करेंगे। कोई भी मोची या प्लंबर को नहीं दिखाएगा। यहां तक कि मीडिया के शीर्ष एंकर भी 90% लोगों में से नहीं हैं।
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उन्होंने देश की मुख्यधारा की मीडिया पर हमला करते हुए कहा कि वे कहेंगे कि मोदीजी ने किसी को गले लगाया और हम महाशक्ति बन गए। जब 90% लोगों की कोई भागीदारी नहीं है तो हम महाशक्ति कैसे बन गए?
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा कह सकती है कि वह जाति आधारित जनगणना की अपनी मांग से देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि संस्थानों, कॉरपोरेट, बॉलीवुड, मिस इंडिया में कितने लोग 90% से हैं। मैं केवल यह कह रहा हूं कि 90% लोगों की ‘भागीदारी’ नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)