(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा के 7 सांसदों की एक जनहित याचिका पर गुरुवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से जवाब मांगा है। भाजपा सांसदों की इस याचिका में दिल्ली सरकार को राजधानी में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) लागू करने का निर्देश देने की अपील की गई है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सांसदों की इस जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा, “नोटिस जारी किया जाए। प्रतिवादियों के वकील ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा है और उन्हें समय दिया जाता है।” इस बेंच में न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा भी शामिल हैं।
हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की है। यह जनहित याचिका भाजपा सांसद हर्ष मल्होत्रा, रामवीर सिंह विधूड़ी, प्रवीण खंडेलवाल, योगेंद्र चंदोलिया, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत और बांसुरी स्वराज ने दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने जनहित याचिका में कहा है कि राजधानी के निवासियों को मेडिकल सुविधाओं के लिए अपनी जेब से भारी खर्च करना पड़ रहा है। कई बार तो मेडिकल इमरजेंसी में यहां के लोगों को इलाज कराने के लिए उधार तक लेना पड़ जाता है और कई लोगों को अपनी संपत्तियां बेचने तक के लिए मजबूर होना पड़ता है।
देश की ताजा खबरों के क्लिक करें
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पूरे देश में दिल्ली ही एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश है जहां अभी तक आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं की गई है। इस कारण से यहां के लोग 5 लाख रुपये की आवश्यक स्वास्थ्य सेवा से अभी तक वंचित हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से बांसुरी स्वराज हाई कोर्ट में पेश हुईं थी। जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि दिल्ली के लोगों के हित के लिए राजनीतिक विचारधाराओं के टकराव को दूर रखना चाहिए। उन्होंने कोर्ट से आयुष्मान भारत योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए दिल्ली सरकार और उसके स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देने की मांग की
(एजेंसी इनपुट के साथ)