साध्वी प्रज्ञा (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ एनआईए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी रही हैं और कई साल जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। अब कोर्ट ने उन्हें एक बार फिर तलब किया है। हालांकि, प्रज्ञा सिंह के लिए राहत की बात यह है कि यह वारंट जमानती है।
मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में स्थित एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को स्कूटर से बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। विस्फोट की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी द्वारा आरोपियों के अंतिम बयान दर्ज किए जाने के साथ ही मुकदमा अपने अंतिम चरण में है और आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच शुरू में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) महाराष्ट्र ने की थी और 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था।
दूसरी ओर, 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एक सरकारी वकील ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरकारी वकील ने बताया कि 30 अक्टूबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने सत्र न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय को फोन कर कोर्ट रूम नंबर-26 में बम लगाने की धमकी दी थी।
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विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष एनआईए अदालत दक्षिण मुंबई में सिविल एवं सत्र न्यायालय परिसर के कोर्ट रूम नंबर 26 में बैठती है। वकील ने बताया कि हमने मामले की जानकारी कोलाबा पुलिस थाने को दे दी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे विवरण की पुष्टि कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।