सांकेतिक तस्वीर
Nepali Gen Z Protests: नेपाल में जारी ‘जेन जी आंदोलन’ के कारण हुई हिंसा और जान-माल के नुकसान का असर अब भारत में भी दिखाई देने लगा है। इसी बीच भारत सरकार ने अनहोनी की आशंकाओं से बचने के लिए दिल्ली में मंडी हाउस स्थित नेपाल दूतावास (एंबेसी) के बाहर सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है।
दिल्ली पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि कुछ लोग नेपाल एंबेसी के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं। इस आशंका को देखते हुए वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। हालांकि अब तक किसी भी प्रदर्शन की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस सुरक्षा में कोई ढील नहीं बरत रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा बलों को तैनात रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से तुरंत निपटा जा सके। नेपाल में पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। जिसमें अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 400 लोग घायल है।
Nepal PM Oli’s house attacked amid the protests
Credit: Sidhant Sibal @sidhant #Nepal #GenZ #Protest #YouthActivism #NepalProtest #GenZVoices #NepalYouth #ProtestForChange #YouthEmpowerment #EqualityForAll #CivilRights #NepalDemocracy #GenZMovement #ActivismNow #VoiceOfTheFuture pic.twitter.com/RWmKh4P7GX— BHARAT NEETI (@bharatneetinews) September 9, 2025
मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई बड़े नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में नेपाल के राष्ट्रपति, वित्त मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का नाम शामिल है। सेना ने एक प्रेस रिलीज करते हुए जेन जी आंदोलन की घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की है। सेना के जनसंपर्क और सूचना निदेशालय, सैन्य मुख्यालय, काठमांडू की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सेना देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता, भू-क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सेना ने आंदोलन में शामिल युवाओं से संयम बरतने अपील की है।
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नेपाल सरकार 4 सितंबर को ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। सरकार का कहना है कि इन सोशल मीडिया कंपनियों ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय में निर्धारित समयसीमा के भीतर पंजीकरण नहीं कराया। मंत्रालय ने उन्हें 28 अगस्त से सात दिनों की अवधि दी थी, लेकिन डेडलाइन के समाप्त होने के बावजूद कोई आवेदन जमा नहीं किया गया, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।