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नई दिल्ली : इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर पूर्वोत्तर भारत में तबाही मचा दी है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ और भूस्खलन की मार झेल रहे इन राज्यों में हालात बेहद गंभीर हैं। सड़कें टूट चुकी हैं, नदियां उफान पर हैं और लोगों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।
पिछले दो दिनों में बारिश और उसके बाद आए भूस्खलन ने पूर्वोत्तर में 26 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। सबसे ज्यादा तबाही असम और अरुणाचल प्रदेश में देखने को मिली है। असम में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में एक दर्दनाक हादसे में दो परिवारों के सात सदस्यों की जान चली गई। यह हादसा तब हुआ जब एक कार भूस्खलन के कारण गहरी खाई में गिर गई। एक अन्य स्थान पर दो लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है।
सिक्किम में स्थिति और भी चिंताजनक बनी हुई है। लाचेन और लाचुंग जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हैं और संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। तीस्ता नदी में एक कार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन भी मौसम की मार झेल रहा है। खराब मौसम के चलते राहत-बचाव कार्य ठप हो गया है। जलस्तर बढ़ने और रास्ते बंद होने के कारण शनिवार और रविवार को किसी भी पर्यटक को सिक्किम में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
मिजोरम के सेरछिप इलाके में भूस्खलन के कारण 13 घर पूरी तरह से ढह गए, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। लगातार बारिश के चलते सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं और गांवों का संपर्क टूट गया है। पूरे क्षेत्र में 12,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। कई जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने असम, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल और सिक्किम के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है।