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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया को बताना होगा कि विविधता में एकता नहीं, एकता की ही विविधता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहा, “यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जी20, जो मुख्य रूप से आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने का मंच है, हमने इसे ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का विषय दिया और इसे मानव-केंद्रित बना दिया।” उन्होंने आगे कहा, “भारत को दुनिया को बताना होगा कि विविधता में एकता नहीं, एकता की वह विविधता है।”
#WATCH | Delhi: RSS chief Mohan Bhagwat says, "…Bharat ko duniya ko batana hoga ki vividhata mein ekta nahi, ekta ki he vividhata hai…" pic.twitter.com/IFTGCsku4H
— ANI (@ANI) October 11, 2023
मोहन भागवत ने कहा, “रंगा हरी अकेले ऐसे शख्स नहीं थे, जिनके पास बैठने से बहुत कुछ सीखने को मिल जाता था, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ बैठने से बहुत कुछ मिल जाता था। वह बहुत विद्वान थे। जब उनसे मैं मिलता था, वह कहते थे कि भारत का संविधान ही सेकुलर है। फिर रुके और बोले कि 500 साल से हमारे देश की यही पद्धति रही है।”
भागवत ने यह भी कहा, “हमारी यह भावना है कि सारी पृथ्वी वसुधैव कुटुम्बकम है। दुनिया को यह ज्ञान देने वाला भारत होना चाहिए। इस लेखन का अध्ययन कर हमें अपने देश की विविधता को दूर करके, एकता पर विचार करना चाहिए।”