बकराशाला में बकरे (फोटो-सोशल मीडिया)
बागपतः बकरीद का त्योहार बलिदान और त्याग का माना जाता है। इस पर्व हर साल लाखों बकरों को हलाल किया जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग मटन खा कर बकरीद का त्योहार मनाते हैं। बकरीद पर बकरों की बलि के खिलाफ कई लोग आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक त्योहार को मनाने वालों में कोई खास बदलाव नहीं आया है। वहीं बागपत के मनोज जैन बकरीद से पहले हर साल सैकड़ों बकरों को खरीदकर कर उनकी जान बचाते हैं।
मनोज जैन जैन समुदाय द्वारा चलाई जाने वाली जीव दया संस्थान के अध्यक्ष हैं। इसी संस्था के माध्यम से पिछले साल मनोज जैन ने 124 बकरों की जान बचाई थी। यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। बागपत में गौशाल की तर्ज पर यह संस्था एक ‘बकराशाला’ चलाती है, जिसमें करीब 600 बकरें हैं।
मनोज जैन ने शेयर किया बकरीद से पहले बकराशाला का वीडियो
इस बार बकरीद पर मनोज जैन अपनी संस्था के उसी पुराने जुनून के साथ मासूम जानों को बचाने में जुटे हुए हैं। बकरीद से पहले विभिन्न स्थानों पर कुर्बानी के लिए लगाए गए 200 बकरों को मनोज जैन ने खरीदकर जीवन दान दिया है। इन बकरों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए जैन समाज ने चंदा भी दिया है। बचाए गए बकरों का मनोज जैन ने सोशल मीडिया एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है “6 जून शुक्रवार को जीव दया संस्थान बकरा शाला का एक मनोरम दृष्य” देखें वीडियो
दिनांक 6 जून 2025, शुक्रवार को जीव दया संस्थान बकरा शाला, अमीनगर सराय का यह मनोरम दृश्य जीव दया के अद्भुत उदाहरण को दर्शाता है।
पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पावन आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से स्थापित इस बकरा शाला में वे सभी बकरे लाए गए हैं, जिन्हें बलि से बचाया गया।… pic.twitter.com/QaCzG7q4J5
— Manoj Kumar Jain (@immanojjain) June 6, 2025
बकरीद मुबारक, मस्जिदों में नमाज अदा कर गले मिले लोग, सैनिकों के लिए मांगी दुआ; PM मोदी ने किया Tweet
20 लाख रुपये खर्च कर बचाए 200 बकरे
बागपत के अमीननगर सराय में जैन समुदाय के लोग जीव दया संस्थान के माध्यम से वर्ष 2016 से बकराशाला चला रहे हैं। इस बकराशाला में बकरीद से पहले कुर्बानी से बचाए जाने वाले बकरे रखे जाते हैं। इसके अलावा यहां लोग बकरों को छोड़ भी सकते हैं। जीव दया संस्थान के अध्यक्ष मनोज जैन, संरक्षक सत्यभूषण ने बताया कि पिछले करीब 10 सालों से देश के अलग-अलग हिस्सों रहने वाले जैन समुदाय के लोग बकरों को खरीद कर उनकी जान बचाते हैं। उन बचाए गए बकरों को बकराशाला में रखवा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस साल 200 बकरों को अधिक दाम देकर खरीदा गया है, जिनपर कुल 20 लाख रुपये खर्ज हुए हैं।