ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केजरीवाल की कुंडली (सौ.सोशल मीडिया)
Delhi Assembly Elections 2025: देश की राजधानी दिल्ली के लिए आज बड़ा दिन है यानि आज चुनाव के नतीजे आने वाले है। इसके लिए दिल्ली में वोटों की गिनती शुरु हो गई है। दिल्ली में बीते सालों से आम आदमी पार्टी का राज रहा है इसके प्रतिनिधित्व में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कमान संभाले हुए थे। दिल्ली की सत्ता पर राज जमाने के लिए भाजपा और कांग्रेस की कोशिशें भी कम नहीं हुई है। एग्जिट पोल के नतीजों में जहां पर आप को झटका लगते नजर आया है तो वहीं पर भाजपा की जीत के आसार तेज हुए है।
इन सबसे अलग ज्योतिष में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर कई अनुमान और ग्रह-नक्षत्र की स्थिति सामने आई है जो किसकी सरकार बनेगी और किसकी बिगड़ेगी इसे बताती है…
ज्योतिषाचार्य विनोद पांडेय के अनुसार, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुंडली में कर्क राशि में मंगल ग्रह और सूर्य-शनि का योग दिखाई दे रहा है इसके अनुसार हो सकता है कि, यह योग केजरीवाल को फिर से सत्ता में लौटने ना दें यहां पर केजरीवाल के लिए मुश्किलें खड़ी कर देने वाली स्थिति बन रही है। पिछलेल 13 साल के अनुमानों की मानें तो, मकर लग्न की इस कुंडली में राजसत्ता के दशम भाव में शनि, शुक्र और बुध का बड़ा राजयोग बना हुआ था जिसके कारण यह पार्टी पहले दिल्ली और बाद में पंजाब जैसे प्रदेशों में सत्ता में आकर एक राष्ट्रीय दल के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो सकी है।
ज्योतिष ने पहले भी केजरीवाल की ग्रह स्थिति को लेकर जानकारी में बताया था कि ‘आप’ की मकर लग्न की स्थापना कुंडली में हानि और कारावास के बाहरवें घर में मंगल बैठे हुए हैं। ज्योतिष के शास्त्रीय ग्रन्थ बृहत् यवन जातक के अनुसार यदि किसी कुंडली में बाहरवें घर में प्रतिकूल स्थिति में मंगल बैठा हो तो वह ‘बंधन योग ‘ का सृजन कर जेल यानि कारावास या राजदंड की पीड़ा दे सकता है। यह भविष्यवाणी थोड़ी सही साबित हुई और आम आदमी पार्टी की सत्ता पर खतरा मंडराया। बता दें कि, 16 अगस्त 1968 को सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था।
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यहां पर ज्योतिष के अनुसार भाजपा और पीएम मोदी के ग्रह-नक्षत्रों के बारे में जानकारी दी गई है।मोदी की कुंडली में वृश्चिक राशि का मंगल और गजकेसरी योग बनता दिख रहा है। ऐसे में ये योग सत्ता में मोदी की मजबूती को दिखाता है। बात करें मोदी के अजातशत्रु योग की तो इसके चलते उनके अपोजिट रहने वाले कमजोर पड़ सकते हैं।
नोट- ज्योतिष के अनुमान के अनुसार तथ्य पेश किए गए है नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।