एस जयशंकर (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर की पाकिस्तान को जानकारी देने को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। अब एस जयशंकर ने इस मसले पर दूसरी बार बयान दिया है, जो पहले से अलग है। विदेश मंत्री ने सोमवार को संसदीय समिति को बताय कि भारतीय सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने पाकिस्तान को उनके क्षेत्र में आतंकी शिविरों पर हवाई हमले करने के बाद ही उन्हें सूचित किया था।
सूत्रों ने जयशंकर के बयान के हवाले से कहा, ‘भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के 30 मिनट बाद इस्लामाबाद को अलर्ट किया गया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों उड़ा दिया था।
‘सीजफायर में अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं’
विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से कभी बात नहीं की। अमेरिका के कथित हस्तक्षेप के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान को रोकने का फैसला पाकिस्तान की अपील के बाद द्विपक्षीय रूप से लिया गया था। एस जयशंकर विदेशी मामलों की सलाहाकर समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को तभी रोका गया जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने इसे रोकने के लिए कहा। दोनों देशों के बीच अमेरिका की भूमिका का कोई सवाल नहीं है। सीजफायर पर ट्रंप प्रशासन का कोई योगदान नहीं है।
विदेश मंत्री की बैठक पर सोशल मीडिया पोस्ट
जयशंकर ने सोशल मीडिया एक्स पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति पर चर्चा की। इस संबंध में एक मजबूत और एकजुट संदेश भेजने के महत्व को रेखांकित किया।’
Chaired the Consultative Committee Meeting of MEA this morning in Delhi.
Discussed #OpSindoor and India’s zero-tolerance policy against terrorism in all its forms and manifestations.
Underlined the importance of sending a strong and united message in that regard. pic.twitter.com/xa42X4WJBe
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 26, 2025
कांग्रेस ने लगाया आरोप
कांग्रेस ने जयशंकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आतंकी शिविरों पर भारतीय हमलों के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने बैठक में सांसदों को बताया कि केवल दोनों देशों के डीजीएमओ ने एक-दूसरे से बात की। किसी अन्य भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तानी पक्ष से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत से पाकिस्तान से बात करने का आग्रह करने वाले अमेरिका को बताया गया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती। (एजेंसी इनपुट के साथ)