
11 साल में 23 हजार घुसपैठिए पकड़े गए (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
Infiltration in India Statistics: भारत की सीमाओं पर सुरक्षा को लेकर संसद में सरकार ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। पिछले 11 सालों में सुरक्षा बलों ने सरहद पार से आने वाले हजारों लोगों को दबोचा है। सरकार ने बताया कि 2014 से लेकर नवंबर 2025 तक कुल 23,926 घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात चीन सीमा को लेकर सामने आई है, जहां का रिकॉर्ड बिल्कुल अलग है। आइए जानते हैं कि किस बॉर्डर से सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिशें हुईं।
लोकसभा में गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि घुसपैठ के मामले में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां भारत और बांग्लादेश की सीमा पर हुई हैं। इसके अलावा पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल और भूटान की सीमाओं से भी लोग पकड़े गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2014 से 2024 के बीच 20,806 लोगों को पकड़ा गया, जबकि जनवरी से नवंबर 2025 के बीच 3,120 और घुसपैठिए गिरफ्तार हुए। खास बात यह है कि चीन की सीमा पर इस दौरान घुसपैठ का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया और शर्मिला सरकार के सवालों का लिखित जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल गिरफ्तारियों में से सबसे बड़ा हिस्सा यानी 18,851 घुसपैठिए सिर्फ भारत-बांग्लादेश सीमा से पकड़े गए हैं। इसके बाद म्यांमार सीमा का नंबर आता है जहां से 1,165 लोग गिरफ्तार हुए। वहीं पाकिस्तान बॉर्डर से 556 और नेपाल-भूटान सीमाओं से 234 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि पूर्वी सीमा पर चुनौतियां ज्यादा हैं।
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साल 2025 में भी घुसपैठ का ट्रेंड पुराना ही रहा है। जनवरी से नवंबर के बीच पकड़े गए 3,120 घुसपैठियों में से 2,556 अकेले बांग्लादेश सीमा से थे। म्यांमार सीमा पर 437, पाकिस्तान सीमा पर 49 और नेपाल-भूटान सीमा पर 78 लोगों को पकड़ा गया। सरकार ने संसद में जोर देकर कहा कि 2014 से लेकर अब तक और विशेषकर इस साल भी भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ की कोशिश का कोई मामला सामने नहीं आया और वहां गिरफ्तारियों की संख्या शून्य रही। सुरक्षा बल लगातार सीमाओं पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं।






