मसुख मांडविया और पीएम मोदी
नई दिल्लीः विश्व खेलों में भारत को शीर्ष पांच में लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘खेलो भारत’ नीति को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य देश को 2036 ओलंपिक के लिए मजबूत दावेदार बनाने के लिए एक मजबूत प्रशासनिक ढांचे के साथ-साथ कोचिंग और खिलाड़ियों के समर्थन के मामले में ‘विश्व स्तरीय प्रणाली’ तैयार करना है। पहले इसे राष्ट्रीय खेल नीति कहा जाता था और 1984 में पहली बार पेश किया गया था। खेलो भारत नीति 2025 अब 2001 की नीति का स्थान लेगी। यह देश के खेल पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी के लिए योजनाओं को तैयार करने के लिए एक ‘मार्गदर्शक दस्तावेज’ है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नीति और मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों के बारे में संवाददाताओं से कहा कि ‘‘हमने पिछले 10 साल के अनुभव का इस्तेमाल किया है। नई नीति खेलों में सुधार की दिशा में काम करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल करना है। यह हमारा मुख्य उद्देश्य है।
2036 ओलंपिक के लिए युद्धस्तर पर भारत की तैयारी
भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा जता चुका है, जिसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों को देश में लाने पर बड़े पैमाने पर जोर दिया गया है। प्रेस सूचना ब्यूरो के एक बयान में नयी नीति को केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों, इस मामले के विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ ‘व्यापक विचार-विमर्श’ का परिणाम बताया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘‘आज भारत की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और खेलों का केंद्र बनने के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। कैबिनेट ने खेलों के लिए राष्ट्रीय नीति, खेलो भारत नीति को मंजूरी दे दी है।”
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खेलो भारत से नीति लाएगी नई क्रांति
पीएम ने कहा कि यह नीति पांच स्तंभों पर आधारित है। इसमें वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता, आर्थिक विकास के लिए खेल, सामाजिक विकास के लिए खेल, जन आंदोलन के रूप में खेल, शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020) शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय खेल प्रतिभाएं हमेशा फलती-फूलती रहें।” खेलो भारत नीति के तहत खेल को पर्यटन और आर्थिक विकास से जोड़ा जायेगा। वैष्णव ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग आईपीएल, फुटबॉल मैच देखने के लिए यात्रा करते हैं। इससे पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। यह दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ जुडने का प्रयास करता है, जिसमें खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाया गया है।
‘वैश्विक खेलों में भारत बनेगा मजबूत ताकत’
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को नया आकार देने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘यह ऐतिहासिक नीति जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे, खिलाड़ियों के विकास का समर्थन करने और भारत को वैश्विक खेलों में एक मजबूत ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक रूपरेखा की तरह है।” पिछली नीति में किए गए बदलावों में निजी कंपनियों की अधिक भागीदारी का आह्वान करना शामिल है। मांडविया पहले ही इसका जिक्र कर बता चुके हैं कि उन्होंने 40 से अधिक कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया है जो व्यक्तिगत ओलंपिक खेलों को अपनाने की इच्छुक हैं।