बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे सोर्स - सोशल मीडिया
नई दिल्ली: भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे ने संसद भवन एनेक्सी में हुई संसदीय स्थायी समिति की बैठक के बाद यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि AI भारत की अर्थव्यवस्था में $1 ट्रिलियन से अधिक का योगदान देगा और 50-60 लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा। इसके अलावा, सरकार डेटा सुरक्षा और AI के नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करने की तैयारी कर रही है।
#WATCH | Delhi: After meeting of Parliamentary Standing Committee on Communications and Information Technology, BJP MP & Committee Chairman Nishikant Dubey says, "…India has to move ahead in artificial intelligence. We cannot stop technology and about 1 trillion is going to be… https://t.co/9LHOTZLBYZ pic.twitter.com/S4hnBWpfu5
— ANI (@ANI) March 5, 2025
निशिकांत दुबे ने ANI से बातचीत में कहा, “तकनीकी प्रगति को रोका नहीं जा सकता। भारत को AI में अग्रणी बनना होगा। आने वाले 7-8 वर्षों में यह हमारी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और लाखों लोगों को रोजगार देगा।” बैठक में वित्त, रक्षा, गृह, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, और स्वास्थ्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। चर्चा का मुख्य फोकस था कि AI का बैंकिंग, कराधान और कस्टम जैसे क्षेत्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और सरकार किस तरह इस बदलाव को सुगम बना सकती है। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि AI भारत में डिजिटल इनोवेशन और औद्योगिक विकास को तेज करेगा।
हाल ही में पेरिस में हुए AI एक्शन समिट के बाद यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रहा है कि इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने AI के वैश्विक प्रभाव और अवसरों पर चर्चा की थी। भारत ने G20 एजेंडा में AI को शामिल किया है ताकि एक समावेशी और सतत AI पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सके। भारत इस वर्ष के अंत में AI पर एक बड़ा वैश्विक सम्मेलन आयोजित करेगा, जिसमें नवाचार, सार्वजनिक कल्याण और सतत विकास पर चर्चा होगी। खासतौर पर विकासशील देशों (Global South) को AI का लाभ देने की रणनीति बनाई जा रही है।
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AI सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार का इंजन बन रहा है। भारत वैश्विक AI नियमों को आकार देने, नैतिक AI विकास और डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देने की रणनीति पर काम कर रहा है। निशिकांत दुबे के बयान से साफ है कि भारत AI क्रांति में सिर्फ भागीदार नहीं बनेगा, बल्कि इसका नेतृत्व करेगा। इस एआई दौर में नेतृत्व की होड़ के लिए भारत कैसे दौड़ में नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ता है।