बजट 2024 (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली: देश में बजट (Budget 2024) कब पेश होने वाला है ये तो हर कोई जानता है लेकिन इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) वाले देश में बजट किस तरह पेश किया जाता है और सदन में कैसे पास किया जाता है ये कम ही लोग जानते होगे। तो आज इस खास रिपोर्ट में आपको बताते हैं भारत में बजट (Indian Budget) कैसे पास होता है, कैसे होती है सदन की पूरी प्रक्रिया?
इसी साल 2024 में आम चुनाव (Loksabha Election 2024) अब कुछ दिनों के बाद होने वाले है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) छठी बार बजट पेश करने जा रही हैं। जो की मोदी सरकार (PM Modi) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा।
संविधान के मुताबिक सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में संसद में बजट पेश करना होता है। वित्त वर्ष (Financial Year) की अवधि मौजूदा वर्ष के 1 अप्रैल से अगले साल के 31 मार्च तक होती है। सरकार की ओर पेश वित्तीय ब्योरे में किसी खास वित्त वर्ष में केंद्र सरकार की अनुमानित राजस्व, अन्य प्राप्तियां और खर्चे को दिखाया जाता है।
बजट 2024 (डिजाइन फोटो)
आसान शब्दों में कहे तो बजट अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार की वित्तीय योजना होती है। इसके जरिये यह तय करने की कोशिश की जाती है सरकार अपने राजस्व की तुलना में खर्चे को किस हद तक बढ़ा सकती है।
भारत में आम बजट (Union Budget 2023) फाइनेंस मिनिस्ट्री का डिपार्टमेंट ऑफ़ इकनोमिक अफेयर्स (Department of Economic Affairs, Ministry of Finance) बनाता है। वित्त मंत्रालय दूसरे मंत्रालयों व विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके अक्टूबर-नवंबर तक यह तय कर लेता है कि किस मंत्रालय या विभाग को कितना फंड दिया जाए। जब बजट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, उसके बाद वित्त मंत्री, वित्त सचिव, राजस्व सचिव और व्यय सचिव की हर दिन बैठक होती है।
बजट 2024 (डिजाइन फोटो)
बजट एक तरह का मनी बिल (Money Bill) होता है, ये एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) के लिए बनाया जाता है। बजट को सबसे पहले संसद के लोकसभा (Loksabha) में पेश किया जाता है। 2016 से पहले आम बजट और देश का रेलवे बजट (Railway Budget) अलग-अलग पेश किया जाता था, लेकिन अब आम बजट और रेलवे बजट दोनों साथ ही पेश किए जाते हैं।
इस तरह भारत का बजट संसद में पास हो जाता है।
आपको बता दें, की संविधान (Indian Constitution) में बजट शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। इसके बदले संविधान में बजट को ‘एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट’ (Annual Financial Statement) कहा गया है। विधान का आर्टिकल 112 (Article 112) देश के बजट यानी एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट के बारे में बताता है।
संविधान के आर्टिकल 112 के मुताबिक देश के राष्ट्रपति को लोकसभा के सामने देश का बजट पेश करना चाहिए। लेकिन, आर्टिकल 77(3) के ज़रिए, राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को बजट बनाने और बजट को लोकसभा में पेश करने की जिम्मेदारी दी है।