
गायनोकोलॉजिस्ट विनिता हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला, फोटो- सोशल मीडिया
Dr. Vinita Murder Case: हरियाणा में कुरुक्षेत्र के चर्चित गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. विनिता मर्डर और डकैती केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्य ने 5 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इस पूरे कांड की मालकिन नौकरानी को बताया जा रहा है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में साल 2023 में हुई सनसनीखेज डॉक्टर विनिता अरोड़ा की हत्या के मामले में फैसला हो गया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को पूर्व नौकरानी, उसके प्रेमी और तीन अन्य सहयोगियों को मौत की सजा सुनाई। इस जघन्य अपराध की साजिश घर के भेदियों ने ही रची थी।
9 जनवरी 2023 की रात करीब 9:30 बजे कुरुक्षेत्र की जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) डॉ. विनिता अरोड़ा के घर में मौत ने दस्तक दी। अपराधी ‘केक’ देने के बहाने घर के अंदर दाखिल हुए थे। जैसे ही दरवाजा खुला, बदमाशों ने डॉ. विनिता के सिर पर पिस्तौल तान दी और उन्हें धकेलते हुए ड्राइंग रूम में ले गए। डॉ. विनिता के पति, डॉ. अतुल अरोड़ा ने बताया कि बदमाश लगातार नकदी और गहनों के बारे में पूछ रहे थे और करीब 15 मिनट तक उनकी पत्नी को प्रताड़ित करते रहे। अपनी जान बचाने के लिए डॉ. अतुल दूसरे कमरे में छिप गए और बाद में पिछले दरवाजे से निकलकर पड़ोसियों को सूचित किया, लेकिन जब तक पुलिस पहुंची, डॉ. विनिता की हत्या की जा चुकी थी।
पुलिस की एसआईटी (SIT) जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस पूरे हत्याकांड और डकैती की मास्टरमाइंड घर की पूर्व नौकरानी पूनम थी। पूनम ने अपने प्रेमी विक्रम (विक्की) के साथ मिलकर लूट के इरादे से यह साजिश रची थी,। उन्हें घर की सुरक्षा व्यवस्था और संपत्ति की पूरी जानकारी थी। इस साजिश में उन्होंने कैथल के विक्रमजीत, सुनील कुमार और उत्तर प्रदेश के मनीष कुमार को भी शामिल किया था। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश घर से करीब साढ़े 19 लाख रुपये के जेवरात और डेढ़ लाख रुपये नकद लूटकर फरार हो गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया।
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की थी, जिसने मात्र 24 घंटे के भीतर मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था,। पुलिस ने आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए 4 देसी कट्टे और एक पिस्टल भी बरामद की थी,। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए पूनम, विक्रम और उनके तीन साथियों को फांसी की सजा सुनाई। हालांकि, साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने पूर्व नौकर केत राम और उमेश कुमार को बरी कर दिया है।
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डॉ. विनिता हत्याकांड का यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्याय है, बल्कि अपराधियों के लिए भी एक कड़ा सबक है। घर में काम करने वाले कर्मचारियों पर अटूट विश्वास करने वाले परिवारों के लिए यह घटना एक चेतावनी की तरह है।






