गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उन गरीब कैदियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना लागू की है, जो सजा पूरी करने के बावजूद जुर्माना या जमानत राशि न चुका पाने के कारण जेल से रिहा नहीं हो पा रहे थे। इस पहल के तहत गरीब कैदियों को सहायता योजना की शुरुआत 19 जून 2023 को की गई थी। गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के लिए 20-20 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। इस कदम से हजारों जरूरतमंद कैदियों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
केंद्र सरकार का यह प्रयास उस वर्ग के लिए है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है और सजा पूरी करने के बाद भी जेल में रहने को मजबूर था। सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में इस योजना को सख्ती से लागू करें। अब तक 12 राज्यों ने केंद्रीय नोडल एजेंसी के खाते से 22 लाख 84 हजार 451 रुपये की राशि निकालकर जरूरतमंद कैदियों की मदद की है। यह योजना न्याय व्यवस्था को और अधिक मानवीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
गृह मंत्रालय ने पिछले साल सभी राज्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि राज्य स्तर पर बैंक खाते खोले जाएं, ताकि केंद्र से आने वाली धनराशि का सीधे इस्तेमाल हो सके। इसके अलावा जिला स्तर पर सशक्त समितियां और निगरानी समितियां बनाने के भी निर्देश दिए गए।
सरकार ने सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे। इसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन समितियों के माध्यम से जरूरतमंद कैदियों की पहचान कर उन्हें समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना से जरूरतमंदों और गरीब कैदियों को मदद मिलेगी।
देश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
योजना के सही रूप से लागू करने के लिए सरकार ने राज्यों को कई कदम उठाने की सलाह दी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने जिलों में समितियां और निगरानी समितियां बनाने के निर्देश केंद्र ने दिए थे।