(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
भोपाल : मध्यप्रदेश राज्य से चीतों के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भटकने की घटनाओं को लेकर दोनों राज्यों की एक संयुक्त गलियारा प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। यह समिति चीतों के संरक्षण के लिए काम करेगी। इसके साथ ही यह समिति चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (KNP) और गांधी सागर सेंचुरी एरिया से भविष्य में स्थानांतरित करने के लिए उपयुक्त क्षेत्रों के विकास पर भी चर्चा करेगी और सुधार के उपायों की सिफारिश करेगी।
बता दें कि इस साल मई माह में KNP से एक चीता भटकते हुए राजस्थान के करोली जिले में पहुंच गया था जिसे बाद में वापस मध्य प्रदेश लाया गया। इसके अलावा दिसंबर 2023 में भी एक चीता KNP से भटककर राजस्थान के बारां जिले में पहुंच गया था जिसे बाद में वापस KNP लाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि इन्हीं घटनाओं को देखते हुए चीता प्रोजेक्ट के कॉरिडोर प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित की गई है।
यह समिति चीतों की आवाजाही और संरक्षण के लिए कॉरिडोर के विकास और प्रबंधन के बारे में अध्ययन के लिए दोनों राज्यों के बीच MOU पर चर्चा करेगी और उसे तैयार करेगी। इसमें KNP से राजस्थान तक मौजूदा गलियारे से होकर गुजरने वाले चीतों के प्रबंधन के लिए निगरानी, गश्त और अन्य कार्यों में लगे अधिकारियों और फ्रंट लाइन के कर्मचारियों की क्षमता निर्माण पर भी चर्चा की जाएगी। समिति दोनों राज्यों की सीमा से लगे क्षेत्रों में ज्वाइंट टूरिस्ट रूट्स की संभावनाओं का मूल्यांकन भी करेगी। दोनों राज्यों की सीमा से लगे इन क्षेत्रों में राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र, कुनो नेशनल पार्क और रणथंभौर नेशनल पार्क आदि शामिल हैं।
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एक अधिकारी ने बताया कि MP और राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) को समिति का संयुक्त अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति के सदस्यों के रूप में नामित अन्य अधिकारियों में MP और राजस्थान के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), निदेशक (बाघ परियोजना-चीता परियोजना) शिवपुरी, दोनों राज्यों के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII), देहरादून द्वारा नामित एक प्रतिनिधि शामिल हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी चीता पुनरुत्पादन परियोजना के तहत 17 सितंबर, 2022 को श्योपुर जिले में KNP में 8 नामीबियाई चीतों को बाड़ों में छोड़ा गया था। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते यहां लाए गए थे। KNP में पिछले 2 सालों में 17 चीता शावकों का जन्म हुआ है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए काफी अच्छे संकेत हैं। हालांकि, कुछ नुकसान भी हुआ है, जिसके तहत इन्हीं दो सालों में यहां 8 वयस्क चीते और 5 शावकों की मौत भी हो गई। वर्तमान में कुनो नेशनल पार्क में शावकों समेत 24 चीते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)