सरवन सिंह पंढेर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: किसान आज 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना होने वाला है। किसान 1 बचे दिल्ली के लिए रावाना होंगे। ऐसे में पुलिस ने अंबाला-दिल्ली सीमा पर बैरिकेड्स भी लगा दिए हैं। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया है कि आज 101 किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने एएनआई को बताया, “मार्च अपने 297वें दिन में प्रवेश कर गया है और खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल अपने 11वें दिन में प्रवेश कर गई है। दोपहर 1 बजे 101 किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ेगा।”
#WATCH शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “मोर्चे को चलते 297 दिन हो गए है और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। आज दोपहर 1 बजे 101 किसान-मजदूर का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा…” pic.twitter.com/EIxf6KZw6u — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2024
पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि 34 किसानों को हिरासत में लिया गया, जब वे बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के लिए जीरो पॉइंट से नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल की ओर बढ़ रहे थे। नोएडा पुलिस ने कहा, “34 किसानों को कल देर रात हिरासत में लिया गया, जब वे बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के लिए जीरो पॉइंट से नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल की ओर जा रहे थे। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।”
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इलाकों में चल रहे किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समिति का नेतृत्व आईएएस अनिल कुमार सागर करेंगे, जो उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव हैं।
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समिति में 5 सदस्य होंगे, जो इस मामले को कुशलतापूर्वक संभालने की विशेषज्ञता वाली एक छोटी लेकिन केंद्रित टीम को दर्शाता है। सदस्यों में अनिल कुमार सागर, पीयूष वर्मा, संजय खत्री, सौम्या श्रीवास्तव और कपिल सिंह शामिल हैं। समिति से एक महीने की अवधि के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें सौंपने की उम्मीद है। यह कदम एक संरचित और व्यवस्थित तरीके से किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 3 दिसंबर को कुछ प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लिया था, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी सहित मुआवजे और लाभ की मांग कर रहे हैं।