कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) विनियमों के कथित उल्लंघन को लेकर ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया’ पर 3.44 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत ब्रिटिश प्रसारणकर्ता के खिलाफ निर्णय आदेश जारी करते हुए उसके तीन निदेशकों में से प्रत्येक पर 1.14 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया।
इस संबंध में पीटीआई द्वारा भेजे गए एक प्रश्न पर बीबीसी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। उक्त कानून के तहत विभिन्न ‘‘उल्लंघनों” के लिए ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया, इसके तीन निदेशकों और वित्त प्रमुख को 4 अगस्त 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद न्याय निर्णय की कार्रवाई शुरू की गई थी। फरवरी 2023 में आयकर विभाग द्वारा समाचार संस्थान के कार्यालय में सर्वेक्षण अभियान चलाने के कुछ महीने बाद ईडी ने बीबीसी के खिलाफ ‘फेमा’ जांच शुरू की।
सूत्रों ने बताया कि ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया’, जो 100 प्रतिशत एफडीआई वाली कंपनी है, डिजिटल मीडिया के माध्यम से समाचार और समसामयिक विषयों को अपलोड/स्ट्रीम करने का काम करती है, लेकिन उसने अपनी एफडीआई को घटाकर 26 प्रतिशत नहीं किया, बल्कि इसे 100 प्रतिशत पर ही रखा, जो भारत सरकार द्वारा जारी नियमों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा 18 सितंबर 2019 को जारी प्रेस नोट 4 में सरकारी मंजूरी के माध्यम से डिजिटल मीडिया के लिए 26 प्रतिशत एफडीआई सीमा निर्धारित की गई है।
सूत्रों ने बताया कि ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया’ पर लगाया गया कुल जुर्माना 3 करोड़ 44 लाख 48 हजार 850 रुपये है। साथ ही ‘फेमा’, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 15 अक्टूबर 2021 के बाद से अनुपालन की तारीख तक प्रत्येक दिन के हिसाब से 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि बीबीसी के तीन निदेशकों – जी. एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिबन्स – पर उल्लंघन की अवधि के दौरान कंपनी के संचालन की देखरेख में उनकी भूमिका के लिए 1,14,82,950 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2023 के सर्वेक्षण के बाद एक बयान में कहा था कि बीबीसी समूह की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दर्शायी गई आय और लाभ भारत में उनके संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं थे, और इसकी विदेशी संस्थाओं द्वारा धन भेजे जाने पर कर का भुगतान नहीं किया गया है।
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आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद बीबीसी ने कहा था कि वे ‘‘अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि मामले का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा।”