मित शाह, एकनाथ सिंदे और अजित पवार (फोटो- सोर्स सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से महायुति और महा विकास अघाड़ी दोनों फ्रंटों में सीटों को बंटवारे को लेकर खींचतान है। इस बीच महायुति में सीट बंटवारे पर सहमति न पाने के कारण कुछ नेता बागी तेवर दिखा रहे हैं। इसी को लेकर दिल्ली में आज महायुति के नेताओं के बीच अमित शाह की मौजूदगी में एक बैठक हुई। जिसमें सीएम एकनाथ सिंदे और अजित पवार मौजूद रहे।
बैठक को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महायुति में सीट बंटवारे को लेकर तीनों दलों में सहमति बन गई है। इस बैठक में एनसीपी(अजित गुट) के नेता अजित पवार ने अपने मुद्दे रखे। जिसके बाद भाजपा एनसीपी के लिए कुछ सीटें छोड़ने को तैयार हो गई। इसके अलावा सीएम सिंदे भी एनसीपी के लिए कुछ सीटों को छोड़ने पर सहमति जताई है। बैठक से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ सिंदे ने अमित शाह से मुलाकात की थी।
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वहीं सीट शेयरिंग से नाराज होकर छगन भुजबल के भतीजे और एनसीपी अजित पवार की मुंबई इकाई के अध्यक्ष समीर भुजबल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नांदगांव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। दरअसल, महायुति में सीट शेयरिंग के मद्देनजर नांदगांव सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास है और शिंदे पहले ही वहां के मौजूदा विधायक सुहास कांडे को उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं।
दिल्ली में महायुति की बैठक में महाराष्ट्र के घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के सूत्रों का कहना है कि भाजपा , शिनसेना और एनसीपी अलग-अलग नहीं बल्कि तीनों दल एक साथ महायुति का घोषणापत्र जारी करेंगे। एक सप्ताह के अंदर महायुति अपना घोषणा पत्र जारी कर सकता है।
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महायुति में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से कुछ लोग नाराज बताए जा रहे हैं। जिसके बाद कुछ उम्मीदवार बगावत पर उतर आएं हैं। दिल्ली में हुई बैठक में शाह ने शिवसेना सिंदे और एनसीपी अजित को स्पष्ट निर्देश दिया है कि बगावत पर सख्ती के साथ लगाम लगाएं। इतना ही नहीं उन्होंने बागी नेताओं को उम्मीदवार बनाने से पार्टी को बचना चाहिए।