मुख्य चुनाव आयुक्त और राहुल गांधी (कॉन्सेप्ट फोटो)
Election Commission News: बिहार में एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर सियासी बम फोड़ा था। जिसके बाद इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग अब खुद सामने आया। जी हां, राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी पार्टियों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
चुनाव आयोग ने विपक्ष के सवालों का प्रेस कांफ्रेंस कर स्पष्टीकरण दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में विपक्ष पर चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति करने का आरोप लगाया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस दौरान कहा कि कुछ वोटर्स ने डबल मतदान का आरोप लगाया है। लेकिन जब उनसे इसको लेकर सबूत मांगे गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
मीडिया के सामने मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कानून के मुताबिक, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, तो चुनाव आयोग उन राजनीतिक पार्टियों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्शन कमीशन के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं। पिछले 20 सालों से, करीब सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं, इसके लिए चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत की है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, यदि वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का प्रयोग कर जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाता है, तो यह भारत के संविधान का अपमान है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि मशीन पठनीय मतदाता सूची को साझा न करना मतदाता की निजता का उल्लंघन है। लेकिन फिर भी कुछ दलों द्वारा ऐसा किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि सभी मतदाता और राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची से त्रुटियों को दूर करने में योगदान दे रहे हैं। मतदाताओं ने 28 हजार दावे और आपत्तियां की हैं।