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Election Commission News: बिहार में एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर सड़क से संसद तक हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर सियासी बम फोड़ा है। जिसके बाद इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग अब खुद सामने आया है। जी हां, राहुल गांधी की तरफ से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी पार्टियों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग आज यानी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस यानी संवाददाता सम्मेलन कर रहा है।
चुनाव आयोग ने इस सवाल का भी जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत समय रहते शिकायत करने का पूरा मौका मिलता है, आप फॉर्म भर सकते हैं। आपको उस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए, लेकिन आप उस क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं और भ्रम फैला रहे हैं। कानून में आपके पास विकल्प है कि आप गवाह बनकर शिकायत कर सकते हैं। ये कानून यहां बैठे सभी लोगों के जन्म से पहले बना था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि वोट चोरी का आरोप झूठा है। चुनाव आयोग को बदनाम किया जा रहा है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि उनको 7 दिन के अंदल हलफनामा देना होगा नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। उनको देश से माफी मांगनी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, दोहरे मतदान के आरोप लगाए गए थे, चुनाव आयोग ऐसे झूठे आरोपों से नहीं डरता। चुनाव आयोग निडर होकर गरीब, अमीर, बुजुर्ग महिलाओं और सभी वर्गों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, मतदाता सूची के लिए एक प्रक्रिया होती है जिसके बाद मसौदा तैयार किया जाता है और मसौदा मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर करने के लिए दावे और आपत्तियाँ होती हैं। इसके बाद अधिकारी निर्णय लेता है और इसके बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, यदि वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का प्रयोग कर जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाता है, तो यह भारत के संविधान का अपमान है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि मशीन पठनीय मतदाता सूची को साझा न करना मतदाता की निजता का उल्लंघन है। लेकिन फिर भी कुछ दलों द्वारा ऐसा किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, सभी मतदाता और राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची से त्रुटियों को दूर करने में योगदान दे रहे हैं। मतदाताओं ने 28 हजार दावे और आपत्तियां की हैं।
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ड्राफ्ट सूची पर दावे और आपत्तियों का समय 1 अगस्त से 1 सितंबर तक है। अभी भी 15 दिन शेष हैं, सभी राजनीतिक दल फॉर्म के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची में त्रुटियां जमा कर दें। चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से खुले हैं। मतदाता, राजनीतिक दल और बीएलओ मिलकर जमीन पर काम कर रहे हैं चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले दो दशकों से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग कर रहे हैं।