बीएसएफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस (फोटो-सोशल मीडिया)
दिल्ली/ श्रीनगर: ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाक संघर्ष के दौरान बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज ने अहम रोल अदा किया है। BSF की तारीफ सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी भी कर चुके हैं। वहीं आज पहली बार BSF की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ऑपरेशन और पाकिस्तान से संघर्ष को लेकर अहम जानकारियां दीं। इस दौरान सीमा के प्रहरियों ने सरकार को एक प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में स्थित भारत की सांबा चौकी का नाम सिंदूर और गोलीबारी शहीद दो जवानों के नाम दो अन्य चौकियों का नाम रखने का प्रस्ताव दिया है।
BSF ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी कार्रवाई से जुड़ी जानकारी दी। BSF के आईजी जम्मू फ्रंटियर शशांक आनंद ने बताया कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान ने हमारी पोस्ट पर ड्रोन हमले किए। इसमें BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार शहीद हो गए थे।
शिविर में लौट रहे आतंकी, सीमा पर अलर्ट
आईजी शशांक आनंद ने आगे बताया कि हमें जानकारी मिली है कि आतंकवादी अपने लॉन्च पैड्स और शिविरों में लौटने लगे हैं। आतंकियों के नियंत्रण रेखा (LoC) और इंटरनेशनल बॉर्डर पर घुसपैठ को लेकर भी इनपुट्स मिल रहे हैं। सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
BSF ने नष्ट किए आतंकियों के लांचपैड
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल सुंदरबनी सेक्टर के DIG वीरेंद्र दत्ता ने बताया कि हमें लूनी में 18-20 आतंकियों के होने की खुफिया जानकारी मिली थी। पाकिस्तान और भारत में जब गोलीबारी का दौर चल रहा था, इस दौरान वे भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। उन्हें खत्म करने के लिए BSF ने 9 और 10 मई की रात को लूनी में लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चपैड पर जानबूझकर और प्लान्ड तरीके से हमला किया, जो इंटरनेशनल बॉर्डर से महज 3 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित है। हमने टारगेट पूरा भी किया और लूनी पूरी तरह से नष्ट हो गया।