
CEC से अभिषेक बनर्जी की तीखी बहस (फोटो- सोशल मीडिया)
TMC vs CEC Meeting Update: दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर में आज सियासत का पारा अचानक सातवें आसमान पर पहुंच गया। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बीच बंद कमरे में तीखी नोकझोंक हुई। करीब ढाई घंटे चली इस मैराथन बैठक में नौबत यहां तक आ गई कि अभिषेक बनर्जी ने सीईसी से तमतमाते हुए कह दिया कि ‘उंगली नीचे करके बात करें’। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई यह हाई-प्रोफाइल बैठक बिना किसी नतीजे के भारी हंगामे के साथ खत्म हुई।
अभिषेक बनर्जी समेत टीएमसी के 10 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के सामने कई गंभीर सवाल रखे, लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला। बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने बताया कि उन्होंने सीईसी को याद दिलाया कि वे जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं, जबकि चुनाव आयुक्त केवल एक मनोनीत अधिकारी हैं। उन्होंने यह भी सनसनीखेज आरोप लगाया कि देश में अब ईवीएम के बजाय सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के जरिए वोटर लिस्ट में हेरफेर करके वोट चोरी की नई साजिश रची जा रही है।
टीएमसी नेता ने दावा किया कि एसआईआर के तहत 1.36 करोड़ मामलों में विसंगतियां बताई जा रही हैं, लेकिन आयोग इसकी सूची सार्वजनिक नहीं कर रहा है। उनका सीधा आरोप है कि ईसीआई ऐप में बड़ी गड़बड़ी है, जहां बिना स्थानीय अधिकारियों की जानकारी के सॉफ्टवेयर के जरिए सीधे नाम हटाए जा रहे हैं। सत्यापन के नाम पर 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और दिव्यांगों को घंटों तक बैठाया जा रहा है, जो पूरी तरह अमानवीय है। बनर्जी ने आयोग को खुली चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे बैठक की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करें ताकि देश सच जान सके।
यह भी पढ़ें: डिलीवरी बॉयज की हड़ताल से हड़कंप! अब Zomato-Swiggy ने चला नया पैंतरा, किया बड़ा ऐलान
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि रोहिंग्या और घुसपैठियों के नाम पर बंगाल को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि अगर 58 लाख लोगों की संदिग्ध सूची में कोई अवैध नागरिक है तो उसे जरूर हटाएं, लेकिन इसके आड़ में झूठा प्रचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस, आप और आरजेडी जैसे विपक्षी दलों को आगाह किया कि बीजेपी अब यह तय कर रही है कि वोट डालने कौन जाएगा। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि 2026 में बंगाल की जनता फिर बीजेपी को हराएगी क्योंकि बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी, लेकिन देश का संविधान रहेगा।






