नरेन्द्र मोदी ( सोर्सः सोशल मीडिया )
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को स्कूली शिक्षा को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने इस विषय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “स्कूली शिक्षा को ज्यादा सुलभ बनाने के लिए सरकार ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। इससे विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा और रोजगार के भी कई नए अवसर बनेंगे।”
स्कूली शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाने के लिए हमारी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इस कदम से जहां बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लाभ होगा, वहीं रोजगार के भी बहुत सारे नए अवसर बनेंगे।https://t.co/xQmO7rvEFh — Narendra Modi (@narendramodi) December 7, 2024
इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के उद्देश्य से 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने की भी स्वीकृति दी गई है।
Empowering young minds across Bharat with quality education. Cabinet approves:
📚 85 new Kendriya Vidyalayas & 01 expansion of existing KV
📚 28 new Navodaya Vidyalayas pic.twitter.com/rUqTjqA4M3 — Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 6, 2024
इन नए केंद्रीय विद्यालयों के खुलने से देश भर में 82,000 से अधिक छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ मिलेगा। बयान में कहा गया कि 2025-26 तक आठ वर्षों की अवधि में 85 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना और एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय के विस्तार के लिए धन की कुल अनुमानित आवश्यकता लगभग 5,872.08 करोड़ रुपये है। पीआईबी अनुसार,आज की तारीख तक सुचारू रूप से चल रहे केंद्रीय विद्यालयों की संख्या 1,256 है जिनमें से तीन विदेश- मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं। इन स्कूलों में लगभग 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
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आपको बता दें कि भारत सरकार ने नवंबर 1962 में केन्द्रीय विद्यालयों की योजना को मंजूरी दी थी, ताकि स्थानांतरित होने वाले केन्द्रीय सरकार/रक्षा कर्मचारियों के बच्चों के लिए पूरे देश में एक समान मानक की शैक्षिक सुविधाएँ प्रदान की जा सकें। परिणामस्वरूप, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रूप में “केन्द्रीय विद्यालय संगठन” की शुरुआत की गई। शुरुआत में, शैक्षणिक वर्ष 1963-64 के दौरान रक्षा स्टेशनों में 20 रेजिमेंटल स्कूलों को केन्द्रीय विद्यालयों के रूप में लिया गया।
केन्द्रीय विद्यालय मुख्य रूप से रक्षा और अर्धसैनिक बलों सहित केन्द्र सरकार के स्थानांतरणीय और गैर-स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों तथा देश के दूरदराज और अविकसित स्थानों में रहने वाले लोगों सहित अस्थिर जनसंख्या के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खोले जाते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसरण में, लगभग सभी केंद्रीय विद्यालयों को PM श्री स्कूल के रूप में नामित किया गया है, जो एनईपी 2020 के कार्यान्वयन को दर्शाता है और दूसरों के लिए अनुकरणीय विद्यालय के रूप में कार्य करता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, नवीन शिक्षण पद्धति और अद्यतन बुनियादी ढाँचे के कारण KV सबसे अधिक मांग वाले स्कूलों में से एक हैं। हर साल केवी में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है और सीबीएसई द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों का प्रदर्शन लगातार सभी शैक्षणिक प्रणालियों में सर्वश्रेष्ठ रहा है।