परिवारवाद, वंशवाद को खत्म करने राजनीति में आए युवा (फोटो सौजन्य: पीटीआई)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया। किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार और राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। पीएम मोदी ने देश के युवाओं से राजनीति के माध्यम से देश की सेवा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश में युवाओं की भागीदारी जितनी ज्यादा होगी, राष्ट्र का भविष्य उतना ही बेहतर होगा। साथ ही उन्होंने भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प व ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया ।
पीएम मोदी ने देश के युवाओं से राजनीति के माध्यम से देश की सेवा करने का आग्रह किया। इसके लिए उन्होंने देश के ऐसे युवाओं को राजनीति में आने का आव्हान किया है। जिसके परिवार से कोई राजनीति में न हो। पीएम मोदी ने देश के युवाओं से राजनीति के माध्यम से देश की सेवा करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि देश में युवाओं की भागीदारी जितनी ज्यादा होगी, राष्ट्र का भविष्य उतना ही बेहतर होगा। इस भागीदारी के कई तरीके हैं। अगर आप सक्रिय राजनीति में आते हैं, तो आप परिवारवाद के राजनीति के प्रभाव को उतना ही कम करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आपको पता है कि भाई-भतीजावाद, जातिवाद समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन्हें राजनीति से खत्म करना होगा।
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राष्ट्र को संबोधित मोदी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लेख किया तथा इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।” उन्होंने कहा, ‘‘जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं… उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो।”
बार-बार चुनाव से देश की प्रगति में गतिरोध पैदा होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से की गई किसी भी योजना की घोषणा को अक्सर चुनावी नफे-नुकसान से जोड़ दिया जाता है। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस बारे में देश में व्यापक चर्चा हुई है, सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं और इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार की है।
उन्होंने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। मैं लाल किले से देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं, देश के संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सपने को साकार करने के लिए आगे आएं।”
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प्रधानमंत्री ने स्थानीय निकायों से लेकर जिलों और राज्यों तक देश की तीन लाख से अधिक शासन इकाइयों से कहा कि वे लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए कम से कम दो सुधार करें। नागरिकों की गरिमा की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को यह शिकायत नहीं करनी चाहिए कि उन्हें वह नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था। हर क्षेत्र में आधुनिकता और प्रौद्योगिकी की जरूरत रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है और इसकी नीतियों ने हर क्षेत्र को मजबूत किया है।