सांकेतिक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
मंडी : रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में धरती हिली है। रिक्टर स्केल पर 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। सुबह 9:18 बजे महसूस किए गए इन झटकों से इलाके में कुछ देर के लिए दहशत का माहौल बन गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मंडी में 5 किलोमीटर की गहराई में था।
हालांकि, इस भूकंप के कारण अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन हल्के झटकों ने स्थानीय लोगों को अलर्ट कर दिया। लोग कुछ समय के लिए अपने घरों से बाहर निकल आए और मोबाइल पर अलर्ट्स की पुष्टि करने लगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंप “शैलो” यानी सतह के नजदीक था, जो आमतौर पर ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं। इसकी वजह यह है कि ऐसे भूकंपों में ऊर्जा सतह के करीब ही निकलती है, जिससे कंपन ज्यादा तीव्र होता है और नुकसान की संभावना अधिक होती है। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस बार किसी बड़े नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे पहले 3 अप्रैल को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में भी 2.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। उसका केंद्र भी 5 किलोमीटर गहराई पर था। वहीं हाल ही में 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने दूर-दराज के क्षेत्रों जैसे थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और चीन के सीमावर्ती इलाकों तक को हिला कर रख दिया। कई इमारतें धराशायी हो गईं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
मंडी के भूकंप ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि पहाड़ी इलाकों में भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो हिमालयन बेल्ट भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, इसलिए सतर्कता और तैयारियां बेहद जरूरी हैं। फिलहाल, प्रशासन और वैज्ञानिक संस्थाएं स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।