विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (सौ. डिजाइन फोटो)
World AIDS Vaccine Day: दुनियाभर में कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसमें एड्स की बीमारी का आज तक कोई तोड़ या यों कहें वैक्सीन की खोज नहीं हो पाई है। इस एड्स की बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस दुनिायभर में मनाते है उस तरह ही आज 18 मई का दिन एड्स बीमारी की वैक्सीन के प्रति जागरूकता औऱ असरदार वैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
एड्स बीमारी के मामले आज भी बड़ी संख्या में सामने आते है जिसका सिर्फ एक ही इलाज है वैक्सीन, जो आज तक नहीं बन पाई है। यह खास दिन इस बात की याद दिलाने का काम भी करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इससे लड़ने और एचआईवी से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए एकजुट है।
इस एड्स की बीमारी की बात की जाए तो, AIDS (Acquired Immune Deficiency Syndrome) होता है। एक ये ऐसी बीमारी है, जिसमे शरीर का इम्यून सिस्टम बुरी तरह पीड़ित के शरीर खत्म हो जाता है। वहीं पर इस बीमारी में शरीर किसी भी हल्के से इंफेक्शन और बीमारी से लड़ नहीं पाता है. ऐसे में व्यक्ति की मौत हो जाती है। यहां पर एचआईवी और एड्स को लोग एक मान लेते हैं जो बिल्कुल एक-दूसरे से अलग होते है।
एचआईवी एक वायरस है जिसकी अंतिम स्टेज एड्स कहलाती है। यहां पर एचआईवी का पता अगर पीड़ित के शरीर में पता चल जाता है तो तुरंत एआरटी ट्रीटमेंट शुरू हो जाए तो कोई भी व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। इस ट्रीटमेंट से काफी हद तक एड्स होने से बचाया जाता है।
यहां पर एड्स बीमारी के लक्षण सामान्यत: नजर आते है जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है।
यहां पर विश्व एड्स वैक्सीन दिवस को मनाने का उद्देश्य एड्स बीमारी का इलाज यानि वैक्सीन के निर्माण को बढ़ावा देने है। इस दिवस के जरिए यह मुहिम चलाई जाती है कि, वैक्सीन, एड्स की बीमारी का एक तोड़ है। यह खास दिन इस बात की याद दिलाने का काम भी करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इससे लड़ने और एचआईवी से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए एकजुट है। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस दुनिया को संदेश देता है कि हम साथ मिलकर काम करेंगे तो जल्द ही इसे खत्म करने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
एड्स बीमारी के वैक्सीन निर्माण को लेकर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ अजित कुमार ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि, एचआईवी वायरस बहुत अलग प्रकार का वायरस है, इसकी बनावट में लगातार परिवर्तन होते रहते हैं। यह वायरस इम्यून सिस्टम को धोखा आसानी से दे देता है, एचआईवी वायरस की म्यूटेशन भी अन्य किसी भी वायरस की तुलना में बहुत अधिक है, इस वजह से एचआईवी के खिलाफ वैक्सीन नहीं बन पाती है। इसके पीछे का कारण यह भी बताया गया कि, एचआईवी वायरस के खिलाफ अगर कोई वैक्सीन बने तो क्या वह इम्यून सिस्टम को एक्टिव कर पाएगी।
वैक्सीन के सफल होने को लेकर कम उम्मीद नजर आती है लेकिन वैक्सीन निर्माण का प्रोजेक्ट जारी है। वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं आशा है कि एड्स के लिए वैक्सीन नामक तोड़ निकल पाएं।
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आप एड्स बीमारी को लेकर बचाव के उपाय खोज सकते है जो बेहद आसान है और इनका पालन करना चाहिए…