
ट्रैफिक चालान।
Lok Adalat: रेगुलर कार या बाइक ड्राइव करने वालों का किसी-न-किसी वजह या कई बार गलती से भी ट्रैफिक चालान कटता ही है। कई बार जुर्माना हजारों रुपए में होता है। आपका भी ट्रैफिक चालान कट चुका और पेंडिंग में है तो आपके पास उसको माफ कराने का शानदार मौका है। आज यानी 13 दिसंबर 2025 को दिल्ली में लोक अदालतें लग रही हैं। यहां आप पेंडिंग चालान माफ करा सकते हैं। शर्त है कि आपको टाइम पर पहुंचना होगा।
लोक अदालत को गांव की पंचायत का मॉर्डन स्वरूप मान सकते हैं। लोक अदालत में हर तरह के मामलों की सुनवाई होती है। आमतौर पर लोग ट्रैफिक चालान जैसे सामान्य केस का निपटारा कराने इन अदालतों में जाते हैं। इनमें न वकील की महंगी फीस देनी पड़ती और न तारीख-पे-तारीख का चक्कर रहता है।
दिल्ली में यह इस साल की आखिरी लोक अदालत है। दिल्ली के द्वारका कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, राउज एवेन्यू कोर्ट, साकेत कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में लोक अदालतें लगेंगी।
बिना सीट बेल्ट पहने कार चलाने, बिना हेलमेट बाइक चलाने पर कटा चालान, रेड लाइट तोड़ना, गलती से कटा चालान, स्पीड लिमिट तोड़ना, पीयूसी सर्टिफिकेट न होना, गलत जगह पर गाड़ी पार्क करना, बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाना, व्हीकल फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं होना, गलत लेन में ड्राइविंग करना, ट्रैफिक साइन की अनदेखी करना, बिना नंबर प्लेट के व्हीकल चलाना।
रेगुलर कोर्ट से भेजा गया चालान, नशे में ड्राइविंग, हिट-एंड-रन का मामला, लापरवाही से ड्राइविंग के कारण किसी की मौत, नाबालिग का गाड़ी चलाना, अनधिकृत रेसिंग या स्पीड ट्रायल करना, व्हीकल का क्राइम के लिए इस्तेमाल, पेंडिंग कोर्ट केस वाले ट्रैफिक चालान, दूसरे राज्य में कटे ट्रैफिक चालान।
आप लोक अदालत में जाकर ट्रैफिक चालान माफ कराना चाहते हैं तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का आरसी, इंश्योरेंस के पेपर, वैलिड पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, चालक की आईडी (आधार, पैन या वोटर कार्ड), चालान की कॉपी की जरूरत होगी। आपको अपने साथ कोर्ट का नोटिस या समन भी ले जाना होगा।
लोक अदालत में चालान माफ या कम कराने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है। प्रक्रिया घर बैठे भी कर सकते है। सबसे पहले अपने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण वेबसाइट या इ-कॉर्ट्स पोर्टल पर जाएं। लोक अदालत या चालान निपटान से संबंधित लिंक पर क्लिक कर दें। अपने चालान नंबर या वाहन नंबर को दर्ज करें। अपना चालान ढूंढें और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें। चालान की डिजिटल कॉपी अपलोड करें। फिर फॉर्म सबमिट करके रसीद डाउनलोड करें और प्रिंटआउट ले लें।
रजिस्ट्रेशन के बाद लोक अदालत में पहुंचने की तारीख और समय को तय करना होता है। इस प्रोसेस को भी आप ऑनलाइन कर सकते हैं। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद उसी जगह पर लोक अदालत में आने की तारीख और समय चुनने का ऑप्शन मिल जाएगा। सुविधानुसार एक तारीख चुनें। अपॉइंटमेंट कन्फर्म होने के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS या ईमेल मिलेगा। उसमें लोक अदालत में हाजिर होने का स्थान और समय होगा। उस दिन कोर्ट जाकर सबसे हले टोकन नंबर लेना है।
लोक अदालत की प्रक्रिया सही तरीके से चलाने के लिए हर व्यक्ति को एक अलग टोकन नंबर दिया जाता है। इसका एक प्रोसेस है। लोक अदालत में पहुंचने के बाद रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाएं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रिंटआउट या चालान की कॉपी दिखाएं। आपको एक टोकन नंबर देंगे, जिसे संभालकर रखना होगा। यह टोकन नंबर केस की सुनवाई की बारी तय करेगा।
लोक अदालत में टाइम पर पहुंचना जरूरी है। तय समय से आधा घंटा पहले पहुंचना चाहिए। आप समय से नहीं जाते हैं तो आपके मामले की सुनवाई नहीं की जाती है। जब आपका टोकन नंबर बोला जाए तो उसी समय जज के सामने जाएं। उनके सामने चालान और अन्य जरूरी दस्तावेज जैसे-ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और आईडी दिखाएं। इसके बाद मामले की सुनवाई होगी। इसमें आपका चालान माफ किया जा सकता है। या जुर्माने में छूट दी जा सकती है। किसी कारण से आपका चालान माफ नहीं होता और आपको उसे वही भरना पड़ता है।
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लोक अदालत में कम जुर्माना भरने का आदेश दिया जाता है तो आपको तुरंत पेमेंट करना होगा। कोर्ट परिसर में मौजूद कैश काउंटर पर जाएं और जुर्माना भरें। डिजिटल पेमेंट की सुविधा हो तो UPI, डेबिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग से पेमेंट कर सकते हैं। आपको रिसिप्ट दे दी जाएगी। बस आपके मामले का निपटारा हो गया।
3 महीने के अंदर ट्रैफिक e-चालान का पेमेंट न करने पर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। गाड़ी का चालान नहीं भरने पर वाहन को जब्त किया जा सकता है। ब्लैकलिस्ट कर आपको जेल भेजा जा सकता है।






