
नवादा में मॉब लिंचिंग, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Mob Lynching Case: बिहार के नवादा जिले से एक चौंकाने वाली मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है, जिसने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रोह प्रखंड के भट्टा गांव में 5 दिसंबर को नालंदा निवासी 35 वर्षीय अतहर हुसैन को भीड़ ने बर्बरता से पीटा। 12 दिसंबर की रात इलाज के दौरान बिहार शरीफ सदर अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
मृतक अतहर हुसैन पिछले लगभग 20 सालों से रोह और आसपास के क्षेत्रों में कपड़े बेचकर गुजारा करते थे, और उस इलाके में उन्हें लगभग हर कोई जानता था। अतहर ने मौत से पहले अपनी आपबीती सुनाई थी। उन्होंने बताया था कि 5 दिसंबर की शाम जब वह डुमरी गांव से लौट रहे थे, तब भट्टा गांव के पास 6-7 नशे में धुत युवकों ने उन्हें घेर लिया।
पहले घर का पता पूछा गया, और फिर नाम। जैसे ही उन्होंने अपना नाम “मोहम्मद अतहर हुसैन” बताया, भीड़ का मिजाज बदल गया। उन्हें जबरन साइकिल से उतारकर उनके पैसे लूट लिए गए। इसके बाद उन्हें हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में घसीट ले जाया गया। अतहर ने बताया कि उनकी मुस्लिम पहचान की पुष्टि के लिए पैंट खोलकर निजी अंगों की तलाशी ली गई। इसके बाद क्रूरता की हद पार हो गई- उनके शरीर पर पेट्रोल डाला गया। लोहे की रॉड को गर्म कर उनके हाथ, पैर, उंगलियों और शरीर के कई हिस्सों को दागा गया। उनकी उंगलियां तोड़ दी गईं और कान को भी प्लास से काटने की कोशिश की गई। इस दौरान 10-15 लोग लाठियों और रॉड से उन्हें लगातार पीटते रहे।
गंभीर हालत में उन्हें पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। नवादा से बिहार शरीफ रेफर किए जाने के बावजूद, गहरे जख्मों के कारण 12 दिसंबर की रात अतहर ने दम तोड़ दिया। अतहर के भाई मोहम्मद साकिब ने मांग की है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, क्योंकि उनका कहना है कि अतहर को केवल नाम और धर्म की वजह से मारा गया।
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रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अब तक चार आरोपियों- सोनू कुमार, रंजन कुमार, सचिन कुमार और श्री कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। इससे पहले भी चोरी और डायन के आरोप में भी लोगों पर इस तरह के जानलेवा हमले हुए हैं।






