7.8 मिलियन से ज्यादा लोग किडनी की बीमारी के गिरफ्त में (सौ.सोशल मीडिया)
Kidney Health: दुनिया भर में 850 मिलियन से अधिक लोग किडनी की बीमारियों से पीड़ित हैं। भारत में ही 7.8 मिलियन से अधिक लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी ) से ग्रस्त होने का अनुमान है, और इनमें से अधिकांश को देर से इसका पता चलता है। किडनी की बीमारी को ‘मूक हत्यारा’ कहा जाता है क्योंकि यह गंभीर स्तर तक पहुंचने से पहले स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाती।
किडनी शरीर की प्राकृतिक फ़िल्टर के रूप में काम करती हैं, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती हैं, रक्तचाप को नियंत्रित करती हैं और शरीर में तरल संतुलन बनाए रखती हैं। 60% से अधिक किडनी फेल्योर के मामलों के पीछे मधुमेह और उच्च रक्तचाप ही बड़ा कारण होता है। वहीं अधिक वजन वाले लोगों को किडनी फेल्योर का 83% अधिक खतरा होता है। नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ, डॉ. मनीषकुमार माली के अनुसार अत्यधिक दर्द निवारक दवाओं का सेवन यानी NSAIDs का लंबे समय तक उपयोग किडनी को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा धूम्रपान और शराब भी समय के साथ किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं। वहीं परिवार में किडनी रोगों का इतिहास – आनुवंशिकी भी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है।
– पर्याप्त पानी पिएं, पानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
– संतुलित आहार लें और प्रोसेस्ड फूड, नमक और शक्कर का सेवन कम करें।
– रक्त शर्करा और रक्तचाप को नियंत्रित रखें, इनका उच्च स्तर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
– नियमित व्यायाम करें, यह वजन नियंत्रित करने और रक्त संचार सुधारने में मदद करता है।
– बिना जरूरत दर्द निवारक दवाओं का उपयोग न करें, इनका अधिक सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है।
– नियमित किडनी की जांच कराएं, रक्त (क्रिएटिनिन) और मूत्र परीक्षण के माध्यम से प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
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कई लोगों को तब तक अपनी किडनी की समस्या का पता नहीं चलता जब तक यह गंभीर अवस्था में नहीं पहुंच जाती। समय पर जांच कराने से डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट से बचा जा सकता है। हर साल इसलिये दुनियाभर में विश्व किडनी दिवस मानाया जाता है, ताकि लोगों को किडनी को स्वस्थ रखने, उसकी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समय पर निदान व रोकथाम के महत्व को समझाया जा सके। इस प्रकार के कार्यक्रम सभी को अपने गुर्दों के स्वास्थ्य के बारे में सोचने और उनकी रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। हम सभी किडनी स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संकल्प लें। शीघ्र निदान और बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल क्षेत्र, नीति निर्माताओं और समाज को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।