मिल्क थिसल के लिवर की बीमारी में फायदे (सौ. सोशल मीडिया)
Benefits of Milk Thistle Herbs: सेहत के लिए खानपान बेहद जरूरी होता है लेकिन गलत खानपान और तरीका आपके लीवर पर बुरा असर भी डाल सकता है शायद इसकी जानकारी आपको नहीं होगी। आज क लिवर की समस्याएं भी लगातार बढ़ती जा रही है जो लिवर को खराब कर देती है। लिवर की समस्याओं के इलाज के लिए महंगी दवाईयों का सेवन किया जाता है।
लिवर की दवाईयां बनाने में एक खास तरह का हर्ब मिल्क थिसल भी मिला होता है। मिल्क थिसल का इस्तेमाल ज़्यादातार लिवर वाले सप्लीमेंट्स में होता है लेकिन आप इस हर्ब की पत्तियों से घर में दवाई बनाकर अपने लिवर को डिटॉक्स कर सकते है।
लिवर की बीमारियों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक मिल्क थिसल जड़ी-बूटी को शामिल करते है। दरअसल मिल्क थिसल को सिलीमारिन के नाम से जाना जाता है।इस पौधे में सिलीमारिन नामक एक्टिव तत्व होता है जो इसके बीजों से निकाला जाता है। माना जाता है कि सिलीमारिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लिवर संबंधी समस्याओं में मदद करते हैं। यह आयुर्वेदिक हर्ब मिल्क थिसल लिवर की कोशिकाओं को विषैले पदार्थों से बचाने का काम करती है।
लिवर को शराब या अन्य हानिकारक पदार्थों से नुकसान पहुँचता है, तो मिल्क थिसल उन कोशिकाओं की रक्षा करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा मिल्क थिसल में फ्री रेडिकल्स होता है जो नुकसान से रक्षा करने का काम करता है।इसे लेकर रिसर्च की मानें तो, मिल्क थिसल में लिवर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने की क्षमता होती है।इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
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यहां पर मिल्क थिसल हर्ब का सेवन आप कर सकते है।मिल्क थिसल की पत्तियों या बीजों से चाय बनाई जा सकती है। मिल्क थिसल की पत्तियों या बीजों को गर्म पानी में डालकर कुछ देर तक उबलने दें, फिर छानकर पी लें। यह कैफीन-मुक्त होती है, इसलिए इसे दिन में कभी भी पिया जा सकता है। इस हर्ब का सेवन करने से लिवर की समस्याओं को आराम मिलता है।