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5 Main Symptoms Of Kidney Disease : हमारे शरीर में किडनी एक महत्वपूर्ण अंग है जो एक फिल्टर की तरह काम करती है। यह खून को साफ कर विषैले और अतिरिक्त पदार्थों को बाहर निकालती है। जब तक यह ठीक से काम करती है, हमें इसका एहसास भी नहीं होता। लेकिन जब किडनी कमजोर होने लगती है, तो इसका असर पूरे शरीर पर दिखने लगता है, और इसके शुरुआती संकेत अक्सर हमारे पैरों में नज़र आते हैं। इसी वजह से वैज्ञानिक किडनी की बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ कहते हैं, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण इतने मामूली होते हैं कि लोग उन्हें थकान या उम्र से जुड़ी सामान्य समस्या मानकर अनदेखा कर देते हैं।
पैरों और टखनों में सूजन (एडिमा): यह किडनी की खराबी का सबसे आम और शुरुआती संकेत है। जब किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह तरल पदार्थ पैरों और टखनों में जमा होने लगता है, जिससे सूजन आ जाती है। गुरुत्वाकर्षण के कारण यह सूजन सबसे पहले पैरों में ही दिखाई देती है।
जब किडनी विषाक्त पदार्थों को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती, तो वे खून में जमा होने लगते हैं। इसका असर पैरों की त्वचा पर पड़ सकता है, जिससे त्वचा का रंग पीला पड़ सकता है या गहरे रंग के धब्बे दिखाई दे सकते हैं। खराब ब्लड सर्कुलेशन भी इसका एक कारण होता है।
कई लोग इसे नसों की सामान्य समस्या समझ लेते हैं, लेकिन अगर आपके पैरों में लगातार सुन्नपन या अजीब सी झनझनाहट महसूस हो रही है, तो यह किडनी की बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। किडनी की खराबी से नसों पर बुरा असर पड़ता है, जिससे पैरों में सुई चुभने जैसा एहसास हो सकता है।
शरीर से विषैले पदार्थ न निकल पाने के कारण वे त्वचा के नीचे जमा होने लगते हैं, जिससे बहुत तेज़ और लगातार खुजली होती है। यह खुजली अक्सर रात में बढ़ जाती है और मॉइश्चराइजर लगाने से भी ठीक नहीं होती। यह खुजली खासतौर पर पैरों तक ही सीमित रह सकती है।
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अगर आपको रात में सोते समय अचानक पिंडलियों में तेज़ दर्द या ऐंठन महसूस होती है, तो यह भी किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है। किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस को संतुलित करती है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो मांसपेशियों में ऐंठन होना आम बात है। इन लक्षणों को समझना और समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो रहा है, तो इसे सामान्य मानकर नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत चिकित्सीय जांच करवाएं।