आवश्यता से अधिक साबूदाना का सेवन नुकसान (सौ.सोशल मीडिया)
Fasting food Navratri: देवी दु्र्गा की आराधना का महापर्व नवरात्रि अभी चल रहा है। हिन्दू धर्म में नवरात्रि सबसे शुभ एवं पावन दिनों में गिना जाता है। इस दौरान मां जगदम्बा को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण पूजा- पाठ और व्रत रखते है।
कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान सच्ची भक्ति और श्रद्धा से की जाने वाली पूजा-पाठ और व्रत कभी बेकार नहीं जाती है। बल्कि माता रानी सबकी मनोकामना पूरी करती है और बिगड़ी भाग्य संवारती हैं। इन्हीं उद्देश्य की कामना लिए भक्त गण नौ दिनों तक देवी का आवाहन करते हैं।
आपको बता दें, नवरात्रि के नौ दिन सिर्फ भक्ति और आस्था का समय नहीं होते, बल्कि यह शरीर को भी रीसेट करने का एक मौका देते हैं। इन दिनों ज़्यादातर लोग यानी भक्त रोज़मर्रा के अनाज जैसे गेहूं, चावल या दाल छोड़कर साबूदाना, आलू, सिंघाड़े या कुट्टू जैसे फूड्स खाते है। व्रत तो श्रद्धा से जुड़ा है ही, लेकिन यह उतना ही ज़रूरी है कि खाना हेल्दी और एनर्जेटिक हो, वरना थकान और कमजोरी जल्दी घेर लेती है।
यहां डाइट विशेषज्ञ किरण कुकरेजा का कहना है कि लोग व्रत में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बार-बार दोहराई जाती हैं और यही छोटी-छोटी चूकें शरीर पर भारी पड़ती है।
जैसा कि आप जानते हैं कि, हिन्दू धर्म में व्रत के दौरान साबूदाना खूब खाया जाता है। साबूदाना व्रत का सबसे पॉपुलर फूड है, खिचड़ी, टिक्की, डोसा, जो चाहो बना लो, लेकिन दिक्कत ये है कि यह लगभग पूरा स्टार्च है। ज़्यादा साबूदाना खाने से ब्लड शुगर बढ़ जाता है और थोड़ी देर में शरीर ढीला लगने लगेगा, इसलिए इसे हर बार अपनी डाइट में शामिल करना समझदारी नहीं है।
व्रत में दालें और बीन्स नहीं होतीं, नॉनवेज तो होता ही नहीं, ऐसे में खाना कार्ब और फैट भारी बन जाता है। नतीजा जल्दी थकान,सुस्ती कमजोरी होने लगती है। इस कमी को पूरा करने के लिए ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और दूध-दही जैसी चीज़ें खा सकती हैं, लेकिन लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते है। ऐसे में इनपर ध्यान दें और इनके फलहार में जोड़ें।
आपको बता दें, व्रत के दौरान बाज़ार में जो व्रत-फ्रेंडली चिप्स और नमकीन बिकते हैं, उनमें से ज़्यादातर खराब तेल में तले होते हैं। नाम भले व्रत का जुड़ा हो, लेकिन फायदा तो दूर ये उल्टा नुकसान पहुंचाते हैं। कभी-कभी खाना ठीक है, लेकिन इन्हें रोज़ का सहारा मत बनाइए।
व्रत के दौरान ज्यादातर व्रती हर चीज में आलू को शामिल करते हैं। जैसे आलू- खिचड़ी, टिक्की, सब्ज़ी लेकिन आलू पहले से स्टार्च भारी डाइट को और भारी बना देता है। इससे शुगर स्पाइक का खतरा बढ़ता है। इसे बैलेंस करने के लिए फाइबर वाली सब्जियां भी अपनी डाइट में शामिल करें ।
लोग अक्सर सामक चावल, कुट्टू चीला या वही साबूदाना टिक्की हर दिन बना लेते हैं। नतीजा पोषण में कमी और मन ऊब जाना। थोड़ी-थोड़ी वैराइटी रखना ज़रूरी है ताकि शरीर को भी अलग पोषक तत्व मिलें और मन भी खुश रहे।
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असल में, नवरात्रि का व्रत सिर्फ धार्मिक रस्म नहीं है, यह मौका है शरीर को हल्का और शुद्ध करने का। बस छोटी-छोटी इन बातों पर ध्यान दें- साबूदाना और आलू हर बार न खाएं, पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी रखें और प्रोटीन-फाइबर का संतुलन बनाएं।
अगर, आप ऊपर बताए गए बातों का पालन करते हैं, तो इससे आप पूरे नौ दिन न केवल भक्ति में मन लगेगा, बल्कि शरीर भी चुस्त-दुरुस्त रहेगा।