लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
करनाल: पहलगाम हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने इंसानियत का बड़ा पैगाम दिया है। हिमांशी ने लोगों से अपील की है कि वो मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ न जाएं। हमले में अपने पति को खोने वाली हिमांशी ने कहा कि, हम शांति चाहते हैं और सिर्फ शांति, हम न्याय चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ जाएं। हमला करने वाले आतंकियों को सजा मिलनी चाहिए। विनय ने देश सेवा का जो रास्ता चुना था, मैं उस पर चलूंगी।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के पास बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों पर हमला किया था। इसमें 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। हरियाणा सरकार ने हमले में मारे गए नेवी में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों को 50 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की थी।
हरियाणा के करनाल के निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शादी इसी साल 16 अप्रैल को हिमांशी नरवाल से हुई थी। दोनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हनीमून मनाने गए थे। नरवाल के पिता राजेश सरकारी कर्मचारी हैं। उनकी मां गृहिणी है और विनय की एक छोटी बहन है, जो पढ़ाई कर रही है। हरियाणा सरकार ने शनिवार को विनय के परिवार को 50 लाख रुपये की मदद के साथ परिवार के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी ऐलान किया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री के नायब सिंह सैनी ने सहायता राशि की घोषणा करते हुए कहा, पूरा हरियाणा सरकार परिवार के साथ खड़ा है। नरवाल के माता-पिता की इच्छा के मुताबिक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पहलगाम हमले और पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजे जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। अब्दुल्ला ने कहा कि आज कश्मीर एक मुश्किल वक्त से गुजर रहा है।हमें कुछ नहीं पता कि कल क्या होगा? उन्हें पकड़ा जाना चाहिए, जिन्होंने यह किया है।
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उन्होंने आगे कहा वो गरीब लोग जो 50 साल से यहां रह रहे हैं और उनके बच्चे यहां पढ़ रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान भेजा जा रहा है, यह कैसा तरीका है? यह एक अमानवीय तरीका है। मुझे नहीं लगता कि हमें इस हद तक जाना चाहिए।