
नेशनल टेलीविजन पर मनमोहन सिंह का मजाक उड़ाते थे वीर दास!
मुंबई: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक मनाया जा रहा है। खास ही नहीं बल्कि आम लोग भी उनके निधन पर दुख व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हर कोई शोक संतप्त नजर आ रहा है। इस दौरान कॉमेडियन वीर दास ने भी अपने दिल की बात सोशल मीडिया पर लिख दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के पद पर आसीन किसी शख्स पर तंज कसना या उन पर जोक बनाना बेहद कठिन है और उससे भी कठिन है कि वह शख्स आपके मजाक को आपके काम का हिस्सा समझता है। आपको आलोचना करने का मौका देता है। जो राजनेता अपने बारे में मजाक को हंसकर सुन लेता है वह वाकई पावरफुल होता है। आइए जानते हैं वीर दास ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मनमोहन सिंह के बारे में क्या लिखा है।
मनमोहन सिंह के बारे में वीर दास ने लिखा, डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा। मुझे खुशी है कि आज सोशल मीडिया पर भी ऐसा ही है। उनमें हास्य को समझने की भावना थी। अलग-अलग लोगों के लिए नेताओं का मतलब अलग-अलग होता है, मैं सिर्फ़ अपने अनुभव के बारे में बता सकता हूं। निजी तौर पर, मुझे याद है कि जब मैं 20 साल का था, तब मैं CNBC के प्राइम टाइम बुलेटिन में उनके बारे में चुटकुले सुनाता था, हमारी टीम को पूरी तरह से पता था कि उनका दफ़्तर हमारी हरकत देख रहा है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है।
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Dr. Manmohan Singh said that history would remember him kindly. I’m happy to see that’s the case on social media today. He had a sense of humour. Leaders mean different things to different people, I can only speak to my experience. Personally, I remember being in my 20s and doing… pic.twitter.com/a9X0zMhlKj — Vir Das (@thevirdas) December 27, 2024
वीर दास ने आगे लिखा, वह देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति थे और हम मुख्यधारा के न्यूज़ चैनल पर हफ़्ते में पांच रातें उनके बारे में चुटकुले सुनाते थे, जो इतने भी अच्छे नहीं थे क्योंकि हम पूरी तरह से अपरिपक्व थे। ध्यान रहे कि यह किसी कॉमेडी शो में नहीं हो रहा था, बल्कि रात 9 बजे के (प्राइम टाइम) न्यूज़ बुलेटिन का हिस्सा था। जिसे देश का हर व्यवसायी देखता था। सोचिए आज यह कितना बेतुका लगता है।
उन्होंने आगे लिखा, मेरे पेशे के हिसाब से एक महान, सुरक्षित और विनम्र नेता की पहचान, चुटकुले को स्वीकार करने की क्षमता है। महान नेता समझते हैं कि यह काम का हिस्सा है, कि शक्तिशाली राजनेता और मज़ाक हमेशा से ऐतिहासिक रूप से सदियों से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, और यह कि शालीनता के भीतर हास्य को अपनाना उन्हें बहुत महान बनाता है। एक राजनेता जो मज़ाक को समझ सकता है वह वास्तव में शक्तिशाली है, और एक राजनेता जो खुद के बारे में मज़ाक कर सकता है वह सराहनीय और अजेय है। इस संबंध में, वह मेरे जीवनकाल में किसी भी भारतीय नेता से ऊपर हैं। रेस्ट इन पीस सर।
वीर दास ने जिस तरह से यह सोशल मीडिया पोस्ट साझा की है ऐसे में यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं है कि उन्हें अब मनमोहन सिंह की महानता का एहसास हो गया है। लड़कपन में जो नासमझी उनसे हुई है। वह उस पर ग्लानि महसूस कर रहे हैं। उन्होंने खुद यह कहा कि उसे वक्त वह और उनकी टीम पूरी तरह से अपरिपक्व थी।






