पूनम पांडे, कंप्यूटर बाबा (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Poonam Pandey Role Reacts On Ramleela: दिल्ली की प्रसिद्ध लवकुश रामलीला इस बार विवादों के घेरे में आ गई है और इसका कारण जानी-मानी एक्ट्रेस पूनम पांडे को इस रामलीला में मंदोदरी का किरदार दिया जाना है। हालांकि, जैसे ही यह खबर सामने आई, संत समाज में विरोध के सुर उठने लगे हैं।
दरअसल, मध्य प्रदेश के चर्चित कंप्यूटर बाबा ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूनम पांडे को मंदोदरी के बजाय सूर्पनखा का रोल निभाना चाहिए। उनका कहना था कि रामलीला के आयोजकों को किरदारों का चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पात्र और कलाकार की छवि मेल खाती हो। कंप्यूटर बाबा ने कहा, “सूर्पनखा ब्राह्मण थी, रावण की बहन और मंदोदरी की ननद। रामलीला के अध्यक्ष से अनुरोध है कि पात्रों को उनकी छवि और स्वभाव के अनुसार ही बांटा जाए।”
पूनम पांडे की बोल्ड छवि अक्सर सुर्खियों में रहती है, लेकिन उन्हें इस बार रामलीला में एक ऐसा पवित्र और महत्वपूर्ण किरदार दिया गया है जो उनके व्यक्तित्व से बिल्कुल अलग है। इसके चलते विवाद और आलोचना बढ़ गई है।
हालांकि, पूनम ने सोशल मीडिया पर अपने इस रोल को लेकर उत्साह और श्रद्धा व्यक्त की है। उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें मंदोदरी का किरदार मिलने पर बेहद खुशी है और वे इसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाना चाहती हैं। इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि वे पूरे नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखेंगी ताकि तन और मन दोनों से पवित्र रह सकें और अपने किरदार में और गहराई ला सकें। पूनम ने वीडियो में कहा, “मैं चाहती हूं कि इस रोल को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ निभाऊं। जय श्रीराम।”
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इस विवाद के बावजूद, रामलीला आयोजकों का कहना है कि उन्होंने किरदारों का चयन सिर्फ कलात्मक क्षमता और भूमिका की महत्ता को ध्यान में रखकर किया है। हालांकि, यह आज यानी 22 सितंबर से शुरू होने वाली इस रामलीला में पूनम पांडे का मंदोदरी रूप दर्शकों को देखने को मिलेगा। फिलहाल, सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस जारी है। एक तरफ कुछ लोग पूनम के इस रोल को स्वीकार कर रहे हैं और उनकी श्रद्धा की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ संत समाज और कुछ आलोचक उनके चयन पर सवाल उठा रहे हैं।