इस्माइल दरबार,संजय लीला भंसाली (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Ismail Darbar Speaks On Rift With Sanjay Leela Bhansali: हिंदी सिनेमा के मशहूर म्यूजिक कंपोजर इस्माइल दरबार, जिन्होंने हम दिल दे चुके सनम और देवदास जैसे फिल्मों के यादगार साउंडट्रैक दिए हैं, उन्होंने हाल ही में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ अपने लंबे प्रोफेशनल रिश्ते पर खुलकर चर्चा की। दरअसल, एक इंटरव्यू में दरबार ने बताया कि भंसाली के साथ उनका रिश्ता हमेशा ही अनोखा और कभी-कभी तनावपूर्ण रहा।
दरबार ने बताया कि जब उन्होंने हम दिल दे चुके सनम पर काम किया, तो वे कभी भी ऐसे सुझाव स्वीकार नहीं करते थे जिनसे वे सहमत नहीं होते थे। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा स्पष्ट रहता था कि मुझे क्या पसंद है और संगीत को कैसे सुनना चाहता हूं। अगर भंसाली का कोई आइडिया मुझे सही नहीं लगता, तो मैं उसे सीधे कह देता था।” उनका यह दृष्टिकोण दोनों के बीच हेल्दी डिसएग्रीमेंट का हिस्सा था।
सालों बाद दोनों फिर से मिले, इस बार भंसाली की महत्वाकांक्षी वेब सीरीज हीरामंडी: द डायमंड बाजार के लिए। दरबार ने इस प्रोजेक्ट पर करीब डेढ़ साल काम किया और म्यूजिक में अपनी पूरी मेहनत डाली। लेकिन जब मीडिया ने इस्माइल दरबार के योगदान को हीरामंडी की “रीढ़” बताकर रिपोर्ट प्रकाशित की, तो मामला सुलझने की बजाय खराब हो गया। भंसाली ने कथित तौर पर यह मान लिया कि दरबार ने इस कहानी में प्रमुख क्रेडिट ले लिया, जिससे उनके बीच तनाव पैदा हो गया।
दरबार ने खुलासा किया,“मुझे नहीं पता कि यह खबर किसने फैलाई, लेकिन संजय को पता चल गया। उन्होंने मुझसे ऑफिस में पूछा, ‘इस्माइल, तुम ऐसा कैसे कह सकते हो?’ और फिर कहा, ‘ठीक है, जाने दो।’ मुझे समझ आया कि ‘जाने दो’ का मतलब था कि वह मुझे ऐसी स्थिति में डाल देंगे कि मैं खुद ही रामंडी छोड़ दूं। इससे पहले ही मैं चला गया।”
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इस्माइल ने यह भी कहा कि संजय लीला भंसाली ने उन्हें कभी वापस बुलाने की कोशिश नहीं की। दरबार ने व्यंग्य करते हुए कहा कि भंसाली का अहंकार और उनके प्रयासों का डर हमेशा उनके रिश्ते में खटास का कारण रहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उन्होंने हीरामंडी का म्यूजिक बनाया होता, तो इसे अमर बना देते।
आज दरबार और भंसाली के बीच 100% अनबन हो चुकी है। इस्माइल ने कहा, “अगर आज भंसाली मुझे 100 करोड़ रुपये ऑफर करें, तो मैं उनसे कहूंगा, ‘पहली फुर्सत में चले जाओ।’”