इमरान हाशमी की 'ग्राउंड जीरो' (सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: भारत के इतिहास में कई काले दिन दर्ज हैं, लेकिन 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुआ आतंकी हमला उन सबसे डरावने पलों में से एक था। इस हमले का मास्टरमाइंड था कि गाजी बाबा, जिसका असली नाम राणा ताहिर नदीम था। अब इसी काली सच्चाई को लेकर आ रही है एक नई फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’, जिसमें इमरान हाशमी निभा रहे हैं एक बीएसएफ जवान का दमदार किरदार।
गाजी बाबा को दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में शुमार किया गया था। वो न सिर्फ 2001 के संसद हमले का मास्टरमाइंड था, बल्कि कई अन्य हाई-प्रोफाइल हमलों का भी ज़िम्मेदार था। यह वही चेहरा था, जिसने भारत की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई चुनौती दी। हमले के दो साल बाद, 2003 में बीएसएफ के सीनियर अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे की अगुवाई में एक गुप्त ऑपरेशन प्लान किया गया। उद्देश्य साफ था कि गाजी बाबा को हमेशा के लिए खत्म करना।
जब खुफिया इनपुट पुख्ता हो गए, तब ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और आखिरकार एक एनकाउंटर में गाजी बाबा को ढेर कर दिया गया। इसे बीएसएफ का सबसे सफल ऑपरेशन माना जाता है। फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं तेजस प्रभा विजय देउस्कर, जो इस सच्ची घटना को हाई-ऑक्टेन ड्रामा और सिनेमाई गहराई के साथ पर्दे पर लाने जा रहे हैं।
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इमरान हाशमी फिल्म में एक बीएसएफ जवान के रोल में हैं। उनके साथ सई ताम्हणकर भी एक अहम किरदार में दिखाई देंगी। यह सिर्फ एक सच्ची घटना पर बनी फिल्म नहीं है, बल्कि यह याद दिलाती है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है। यह उन जवानों की कहानी है, जो हर दिन देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाते हैं। और सबसे अहम – यह फिल्म गाजी बाबा जैसे आतंकियों को हमेशा के लिए इतिहास के काले पन्नों में दफ्न करने की कहानी है।