आमिर खान (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: विश्व ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट के दूसरे दिन सुपरस्टार आमिर खान ने मुंबई में जेएसीसी में ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड स्टूडियो मैप’ शीर्षक से एक पैनल चर्चा में भाग लिया। पैनल चर्चा में आमिर ने देश की आबादी की तुलना में भारत में थिएटरों की कमी पर अपनी निराशा व्यक्त की। आमिर खान ने भारत में थिएटरों की संख्या की तुलना अमेरिका और चीन से की। अनुमानित आंकड़ों की मदद से अभिनेता ने देश में फिल्म स्क्रीन की समस्या को उजागर किया।
आमिर खान ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि देश के आकार और भारत में रहने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से हमारे पास बहुत कम थिएटर हैं। भारत में हमारे पास करीब 10,000 स्क्रीन हैं। अमेरिका में, जो हमारी आबादी का एक तिहाई है, उनके पास 40,000 स्क्रीन हैं और चीन में हमारे 10,000 स्क्रीन की तुलना में 90,000 स्क्रीन हैं। और इन 10,000 में से भी आधी दक्षिण में और आधी देश के बाकी हिस्सों में हैं। इसलिए, एक हिंदी फिल्म के लिए आपके पास अधिकतम 5,000 स्क्रीन हैं।
अभिनेता ने इस तथ्य को और भी रेखांकित किया कि भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हिट फिल्मों को पूरी आबादी का केवल 2 प्रतिशत ही थिएटर में देखता है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्में, चाहे वह किसी भी भाषा की क्यों न हो, तीन करोड़ लोगों की थिएटर में देखी गई हैं। यह हमारी पूरी आबादी का केवल 2 प्रतिशत है। एक ऐसे देश में, जिसे फिल्म प्रेमी देश के रूप में जाना जाता है, हमारी आबादी का केवल 2 प्रतिशत ही थिएटर में हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्में देखता है।
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आमिर खान ने भारत के कई जिलों और कस्बों में थिएटरों में निवेश करने का आह्वान किया। आमिर ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले कई दशकों में हमने जिस सबसे बड़ी समस्या का सामना किया है, वह यह है कि हमारे पास पर्याप्त स्क्रीन नहीं हैं और मेरे हिसाब से हमें इसी में निवेश करना चाहिए। मेरा मानना है कि हमें भारत में और अधिक थिएटर और विभिन्न प्रकार के थिएटर बनाने की आवश्यकता है। देश में ऐसे कई जिले और विशाल क्षेत्र हैं, जहां एक भी थिएटर नहीं है।