विक्रोली विधानसभा सीट का इतिहास
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा हो गई है। मतदान 20 नवंबर को और मतगणना 23 नवंबर को होगी। इस सीट पर शिवसेना (अविभाजित) पिछले 10 साल से लगातार चुनाव जीतते आ रही है। उससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने यहां से जीत हासिल की थी। आइए जानते हैं विक्रोली विधानसभा सीट का इतिहास क्या है। इस सीट पर अब तक किसने जीत के झंडे गाड़े हैं और कौन धराशाई हुआ है।
2019 के चुनाव में सुनील राजाराम राउत ने शिवसेना के लिए यहां से जीत हासिल की थी। 2014 में भी सुनील ही विजय हुए थे। 2009 में महाराष्ट्र निर्माण सेना के उम्मीदवार मंगेश सांगले ने जीत दर्ज की थी।
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पिछले चुनावों के समीकरण को देखते हुए एनालिसिस अगर किया जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि शिवसेना का पलड़ा इस सीट पर भारी है, लेकिन महाराष्ट्र में बदले हुए राजनीतिक समीकरण और शिवसेना अब दो भागों में बट गई है इसलिए शिवसेना इस सीट पर हैट्रिक करने में कामयाब होती है या फिर कोई और पार्टी इस सीट से जीत हासिल करती है यह देखना वाकई दिलचस्प होगा।
विक्रोली विधानसभा सीट का इतिहास
विक्रोली विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। इसलिए इसकी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। पिछले तीन चुनाव में इसके इतिहास की अगर बात करें तो एक बार महाराष्ट्र का निर्माण से ना और दो बार शिवसेना (अविभाजित) ने यहां से जीत हासिल की है।
कब किसने मारी बाजी
2019: राउत सुनील राजाराम, एसएचएस
2014: सुनील राजाराम राउत, एसएचएस
2009: मंगेश सांगले, मनसे
विक्रोली विधानसभा का सीट जातीय समीकरण
विक्रोली विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 2,33,701 है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कुल मतदाताओं की संख्या 9.41 प्रतिशत है। वहीं मुस्लिम वोटर यहां पर करीब 9% के आसपास हैं। यानी आरक्षित समाज के लोगों को रिझाने में जो उम्मीदवार कामयाब होगा वह जीत के समीकरण को प्रभावित कर सकता है। विक्रोली विधानसभा सीट शहरी इलाके के अंतर्गत आती है, यहां ग्रामीणों की संख्या शून्य फीसदी है।