महाविकास आघाड़ी के महासम्मेलन में मौजूद नाना पटोले, उद्धव ठाकरे, शरद पवार व बालासाहेब थोरात (साेर्स: पीटीआई)
मुंबई: मुंबई में शुक्रवार को महा विकास आघाड़ी के पदाधिकारियों का महासम्मेलन हुआ। इस दौरान शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी के मुख्यमंत्री पद पर दावे वाले फार्मूले की बजाय चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर जोर दिया और कहा कि वह महा विकास आघाडी (MVA) की ओर से घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
एमवीए पार्टी कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए हुए हैं तो विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के स्वाभिमान को बचाने की लड़ाई है। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का क्यों नहीं हुआ ऐलान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताई वजह
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के फैसले पर जोर देकर कहा कि यह फैसला चुनाव से पहले किया जाना चाहिए न कि बाद में। उन्होंने कहा कि चुनाव में सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी का मुख्यमंत्री वाला नुकसानदेह हो सकता है। ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन के दौरान उनका अनुभव यह रहा कि जिसके पास संख्या होगी उसे मुख्यमंत्री का पद मिलेगा यह नीति नुकसानदेह है। क्योंकि इससे एक दल, अपने गठबंधन में बढ़त बनाए रखने के लिए दूसरे दल के उम्मीदवार को हराने की कोशिश करेगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘‘पहले मुख्यमंत्री का चेहरे का फैसला करें और फिर आगे बढ़ें। जिनके पास सबसे ज्यादा सीट होंगी उसे मुख्यमंत्री पद मिलेगा इस नीति पर न चले। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘उद्धव ठाकरे कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) द्वारा एमवीए के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेगा। मैं अपने लिए नहीं लड़ रहा हूं बल्कि महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं।”
ठाकरे ने एमवीए कार्यकर्ताओं से निजी स्वार्थों से ऊपर उठने और महाराष्ट्र के गौरव और हित की रक्षा के लिए लड़ने के लिए कहा। उन्होंने उनसे राज्य में विपक्षी गठबंधन का ‘दूत’ बनने का भी आग्रह किया।
यह भी पढ़ें:- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर नासिक रहा बंद
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की वकालत किए जाने पर ठाकरे ने सवाल किया कि क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया है? मोदी ने कहा था कि ‘‘देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।”
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए पूछा कि ‘‘क्या आपने हिंदुत्व छोड़ दिया है? आपने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ गठबंधन किया जो हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते हैं।” उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और पूछा कि जब भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था तो इसे पारित क्यों नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि ‘‘क्या आप हमारे बीच झगड़ा कराने के लिए वक्फ विधेयक लाए हैं? और यदि आपको इसे लाना ही था तो आपने बहुमत होने पर ऐसा क्यों नहीं किया? मेरे संसद सदस्य वहां नहीं थे क्योंकि वे मेरे साथ थे। अगर इस पर चर्चा होनी होती तो हमारे सांसद इसमें हिस्सा लेते।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)