दक्षिण पुणे (सौजन्य-एएनआई स्क्रीनग्रैब)
पुणे: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले जहां सभी राजनीतिक दल और चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे है। ऐसे में महाराष्ट्र में ही दक्षिण पुणे क्षेत्र के लोगों इस चुनाव का बहिष्कार करते नज़र आ रहे है।
दक्षिण पुणे के निवासियों ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक नागरिक सुविधाओं के मामले में उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
दक्षिण पुणे के निवासी अपनी मांगों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है और वे अब इसे पूरा कराने के लिए सड़कों पर उतर गए है। साथ ही दक्षिण पुणे के निवासियों ने चुनाव आयोग से भी इस बारे में मांग की है और कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वे सभी आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे।
दक्षिण पुणे के एक निवासी ने वहां के लोगों की समस्या बताई और कहा कि अब हमे अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरना ही होगा।
#WATCH | Maharashtra Assembly Polls | A local resident says, "I think it is a citizen's legitimate right to ask for water. We are paying the highest number of taxes and although we are now under the PMC from 2017, water is a basic necessity. For us, we are very clear, no water,… https://t.co/QH7TGdOPqU pic.twitter.com/o99OA0fyM1 — ANI (@ANI) October 23, 2024
यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे एकनाथ शिंदे, कहा – भारी बहुमत से जीतेगी महायुति
एक स्थानीय निवासी ने अपनी मांगों को बताते हुए कहा, ” टैंकर माफिया खत्म हो, हम पानी का टैक्स भर रहे है और मुझे लगता है कि पानी मांगना एक नागरिक का वैध अधिकार है। हम सबसे ज़्यादा टैक्स दे रहे हैं और हालांकि हम 2017 से पीएमसी के अधीन हैं, लेकिन पानी एक बुनियादी ज़रूरत है। उन्होंने कहा हमारी मांगे बहुत आसान है और हम बहुत स्पष्ट हैं, पानी नहीं, टैक्स नहीं, वोट नहीं क्योंकि लोग हर पांच साल में हमारे पास आते हैं। वे वादे करते हैं, लेकिन पिछले दो दशकों से हालात जस के तस हैं। इतने साल हो गए हैं…मुझे लगता है कि अब आम आदमी को सड़क पर आना होगा और अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।”
जानकारी के लिए बताते चले कि जल्द ही नवंबर में विधानसभा चुनाव आयोजित किए गए है, जहां 20 नवंबर को मतदान होना है। ये मतदान पूरे राज्य में एक ही चरण में किए जाएंगे। ऐसे में यदि लोगों इसी तरह चुनाव का बहिष्कार करते रहेगे तो इसका आगामी चुनाव में बड़ा असर देखने को मिलेगा।
यह भी पढ़ें- शिवसेना ने भी जारी की 45 उम्मीदवारों की सूची, इस सीट से मैदान में उतरेंगे एकनाथ शिंदे