मुलुंड विधानसभा सीट का इतिहास
मुंबई: मुलुंड विधानसभा सीट बीजेपी के लिए अहम सीट है। क्योंकि बीजेपी ने यहां लगातार सात बार जीत दर्ज की है। साल 1990 से लेकर 2019 तक 7 बार बीजेपी के उम्मीदवार पर यहां की जनता ने भरोसा जताया। इस बार भी बीजेपी का पलड़ा यहां से भरी है। लोग एंटी इनकंबेंसी की बात कह रहे हैं जिसकी वजह से उलटफेर देखने को मिल सकता है लेकिन इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है।
साल 1967 से लेकर 2019 तक कि अगर बात करें तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने करीब आठ बार जीत हासिल की है। मतलब 40 साल से इस सीट पर बीजेपी का राज रहा है। वहीं 20 साल कांग्रेस ने सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी। कुल मिलाकर इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी है।
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मुलुंड विधानसभा सीट का इतिहास
1967 और 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। जिसके बाद 1978 में उलटफेर हुआ जनता पार्टी के प्रभाकर पटवर्धन ने यहां से जीत हासिल की। 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में जीएस त्रिवेदी और दीनानाथ पाटिल ने कांग्रेस के लिए जीत हासिल की। उसके बाद 1990 से 2019 तक यह सीट बीजेपी के पास रही।
मुलुंड विधानसभा सीट कब किसने मारी बाजी
2019: कोटेचा मिहिर चंद्रकांत, भाजपा
2014: सरदार तारा सिंह, भाजपा
2009: सरदार तारा सिंह, भाजपा
2004: सरदार तारा, भाजपा
1999: सरदार तरासिंग, भाजपा
1995: किरीट सोमैया, भाजपा
1990: वामनराव प्रभु, भाजपा
1985: पाटिल दीनानाथ बामा, कांग्रेस
1980: जीएस त्रिवेदी, कांग्रेस(आई)
1978: पटवर्धन प्रभाकर रामचंदर, जेएनपी
1972: दत्तात्रय नारायण सामंत, कांग्रेस
मुलुंड विधानसभा सीट जातीय समीकरण
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,88,908 है। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या कुल मिलाकर 9% के आसपास है। मुस्लिम वोटर इस इलाके में 2.3% के आसपास है। यह इलाका शहरी आबादी में गिना जाता है। यहां 100 फीसदी शहरी आबादी निवास करती है। इस इलाके में गुजराती और मारवाड़ी समाज बड़ी संख्या में रहते हैं। यहां के वोटर्स को बीजेपी का वोटर कहा जाता है।