मुरबाद विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
ठाणे: महाराष्ट्र में चुनावी रणभूमि सज चुकी है। बस अब इंतजार केवल इस बात का है कि चुनाव आयोग कब भीष्म पितामह की तरह शंखनाद करता है। सभी दल 288 मोर्चों पर लड़े जाने वाले इस सियासी युद्ध में जीत दर्ज करने की जद्दोजेहद में जुट गए हैं। किस मोर्चे पर कौन सा सेनापति विरोधी दल से लोहा लेगा उसको लेकर मंथन चल रहा है। महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच लड़े जाने वाले इस चुनावी महाभारत के लिए महाराष्ट्र की जनता भी पूरी तरह तैयार है।
महाराष्ट्र की सियासत में पिछले पांच साल में जो कुछ भी घटित हुआ है उससे इस बात का अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल है कि इस बार यहां ऊंट किस करवट बैठेगा। यही वजह है कि हम सीट वाइज एनालिसिस करके यह पता लगाने के प्रयास में हैं कि इस बार यहां किसका पलड़ा भारी रहने वाला है। ऐसे में हम एक एक सीट का भूत, वर्तमान देखकर भविष्य जानने और आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में आज मुरबाद विधानसभा सीट का नंबर है।
यह भी पढ़ें:- कल्याण पश्चिम विधानसभा सीट: हर बार जनता ने बदलकर दिया है जनादेश, इस बार निकलेगा कौन सा संदेश?
मुरबाद विधानसभा सीट पर साल 1972 में पहली बार चुनाव हुए। तब से लेकर 1990 तक इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिलती रही और 1995 तकक उसका यहां एकछत्र राज देखने को मिला। इसके बाद 1995 के चुनाव में मुरबाद में भाजपा ने बाजी मारी। लेकिन 1999, 2004 और 2009 में यहां एनसीपी ने जीत हासिल की। जबकि 2014 में एनसीपी छोड़कर भाजपा में गए किसान शंकर कथोरे ने 2014 के साथ ही साथ 2019 में भी जीत दर्ज की।
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | किसान शंकर कथोरे | भाजपा | 174068 |
2014 | किसान शंकर कथोरे | भाजपा | 85543 |
2009 | किसान शंकर कथोरे | राकांपा | 55830 |
2004 | गोटीराम पाडू पवार | राकांपा | 63763 |
1999 | गोटीराम पाडू पवार | राकांपा | 48786 |
1995 | विशेष दिगंबर नारायण | भाजपा | 58941 |
1990 | गोटीराम पाडू पवार | कांग्रेस | 50083 |
1985 | गोटीराम पाडू पवार | कांग्रेस | 35440 |
1980 | शांताराम गोपाल घोलप | कांग्रेस (आई) | 36422 |
1978 | शांताराम गोपाल घोलप | कांग्रेस | 42242 |
1972 | शांताराम गोपाल घोलप | कांग्रेस | 35791 |
ठाणे जिला और भिवंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली मुरबाद विधानसभा सीट जनरल कैटेगरी में लिस्टेड ज़रूर है लेकिन यहां आदिवासी वोटर्स का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक 4 लाख 7 हजार मतदाताओं वाली इस सीट पर 67 हजार 648 वोटर्स ऐसे हैं जो कि आदिवासी समाज से आते है। इसके अलावा यहां करीब 38 हजार एससी वोटर्स भी हैं। बात करें मुस्लिमों की तो उनकी संख्या 14 हजार 200 के आस पास है।
मुरबाद विधानसभा सीट के विश्लेषण में जो एक बात साफ तौर पर नज़र आ रही है वो यह है कि यहां एक बार का छोड़ दिया जाए तो जनता लगातार एक नेता या एक दल को कई मौके देती है। पहले पांच चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी जिसमें तीन बर शांताराम गोपाल घोलप विधायक चुने गए। इसके बाद दो चुनाव में गोटीराम पाडू पवार ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की तो दो बार एनसीपी के प्रत्याशी के तौर पर विधायक चुने गए। इसके साथ ही पिछले 2 चुनाव से बीजेपी तो तीन बार से उम्मीदवार के तौर पर किसान शंकर कथोरे को जनता जनादेश देती आ रही है। इस लिहाज से देखा जाए तो यहां एक तरफ बीजेपी के रिपीटेशन के चांसेस दिखाई दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें:- भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट: सपा ने 2 बार दी है शिवसेना को शिकस्त, इस बार किसके हौसले होंगे पस्त