कोपरी पचपखड़ी विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
ठाणे: महाराष्ट्र के सियासी अखाड़े में चुनावी दंगल होने वाला है। इस दंगल में हर एक दल दूसरे दल को धोबी पछाड़ देने की तैयारी कर रहा है। कौन इस अखाड़े की मिट्टी से राजतिलक करेगा यह बात अभी भविष्य के गर्भ में है। चुनाव आयोग ने अभी दंगल का औपचारिक ऐलान भी नहीं किया है। लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां अखाड़े में उतरे को उतावली हैं। महाराष्ट्र के इस दंगल में कुल 288 कुश्तियां लड़ी जाएंगी। कहां किस कुश्ती कौन किसे चित करेगा हम भी इसके आंकलन में जुटे हुए हैं।
महाराष्ट्र के सियासी अखाड़े के चुनावी दंगल में का हम सीटवार विश्लेषण कर रहे हैं। इस फेहरिस्त में आज हम कोपरी पचपखड़ी विधानसभा सीट की बात करने वाले हैं। यह सीट शुरुआती दौर से ही शिवसेना और एकनाथ शिंदे का गढ़ रही है। 2009 से लेकर अब तक लगातार जीत दर्ज करते चले आ रहे हैं। जैसे-जैसे एकनाथ शिंदे का कद बढ़ता गया है ठीक उसी अनुपात में यहां उनकी जीत का मार्जिन भी बढ़ता रहा है।
कोपरी पचपखड़ी में अब तक कुल तीन चुनाव हुए हैं और तीनों ही बार यहां सूबे के वर्तमान मुखिया एकनाथ शिंदे ने बाजी मारी है। 2009 में उन्होंने यहां कांग्रेस कैंडीडेट मनोज तुकाराम को 32 हजार 776 वोटों से मात दी तो दूसरी बार 2014 में भाजपा प्रत्याशी संदीप लेले को 51 हजार 861 वोटों से पराजित किया। पिछले यानी 2019 विधानसभा चुनाव में यहां एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार संजय पांडुरंग को 89 हजार 300 वोटों से जबरदस्त शिकस्त दी।
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2019 के आंकड़ों के मुताबिक कोपरी पचपखड़ी में हर एक जाति और समुदाय के वोटर्स हैं। कुल 3 लाख 54 हजार 330 वोटर्स में से 22 हजार 287 वोटर्स एससी कैटेगरी से आते हैं। आदिवासी वोटर्स की संख्या यहां 7 हजार 370 है, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14 हजार के आस पास है। इसके अलावा यादव, राजपूत, पाटिल, जाधव और शिंदे जाति के वोटर्स यहां जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं।
बात करें 2024 विधानसभा चुनाव की तो यहां सारा दारोमदार उम्मीदवारी पर टिका हुआ है। खबरों के मुताबिक एकनाथ शिंदे इस बार किसी और सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तब तो यहां पर जीत हार को लेकर कयास विफल होंगे। लेकिन यदि एकनाश शिंदे एक बार फिर से इसी सीट से चुनावी मैदान में आते हैं तो उनकी जीत निश्चित है। ऐसे में कयासों और अटकलों के सारे मायने खत्म हो जाते हैं।